देश में पहली बार नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर विस्तृत जांच की शुरुआत हो गई है। यह जांच एनआईए कर रही है और अभी आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में 14 जगहों पर जांच के लिए छापे मारे गए हैं। सूत्रों के अनुसार आंध्रप्रदेश, तेलंगाना के जिन लोगों के यहां पूछताछ के लिए जाना था वे सभी वहां के जाने-माने लोग हैं। ऐसे में वहां जाने से पहले ही जगदलपुर न्यायालय से एनआईए ने सर्च वारंट हासिल किया था।
इस मामले में खास बात यह है कि नक्सलियों के शहरी नेटवर्क पर इससे पहले राष्ट्रीय स्तर की किसी भी एजेंसी ने इस तरह से अलग से जांच नहीं की है। ये पहला मौका है जब सिर्फ और सिर्फ शहरी नेटवर्क के खिलाफ जांच हो रही है। जांच के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार एनआईए ने आंध्र-तेलंगाना के लोगों का मेमोरेंडम बयान लिया है इन लोगों से इनके ठिकानों पर ही पूछताछ की गई है और इन्हें अभी पूछताछ के लिए जगदलपुर नहीं लाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि आरके की डायरी में लिखी गई बातों और संबंधितों के बयान एनआईए मैच कर रही है। बयानों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी। फिलहाल, एनआईए ने किसी को हिरासत में या गिरफ्तार नहीं किया है। हालांकि इस मामले में एनआईए की ओर से अभी तक सिर्फ एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें आंध्र-तेलंगाना के कुछ शहरों के नाम का उल्लेख है और यहां छापेमारी की बात कही गई है।
तमिलनाडु, महाराष्ट्र व बंगाल के नेटवर्क का खुलासा भी जल्द
एनआईए ने अभी नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के खिलाफ जो जांच शुरू की है वह नक्सली लीडर आरके की डायरी के आधार पर है। आरके ने अपनी डायरी में कुछ लोगों के नाम लिखे थे और इनके नामों के आगे पैसों का लेन-देन का जिक्र किया था। इसी के आधार पर जांच की शुरुआत हुई लेकिन अब जैसे-जैसे एनआईए इस मामले की गहराई में जा रही है वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार एनआईए की जांच अभी दो राज्यों से शुरू हुई है लेकिन बहुत जल्द इस जांच के तार तमिलनाडु, बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कई बड़े शहरों तक पहुंचेंगे। नक्सलियों के खिलाफ काम करने वाली अलग-अलग एजेंसियों के अफसरों का कहना है कि जिस स्तर पर एनआईए ने जांच शुरू की है और पहली ही बार में बड़े लोगों से सीधी पूछताछ हुई है। उसे देखकर लग रहा है कि यह मामला काफी आगे तक जाने वाला है।
नक्सलियों के शहर नेटवर्क तक ऐसे पहुंची एनआईए
जगदलपुर की शहर सीमा से सटे तिरया इलाके में 28 जुलाई 2019 को सुरक्षा बलों के जवानों ने एक एनकाउंटर में छह नक्सलियों को मार गिराया था। गोलीबारी के दौरान एक ग्रामीण की मौत भी हो गई थी। एनकाउंटर के बाद पता चला था कि मारे गये सभी नक्सली ओडिशा नक्सल कमेटी के मेंबर थे और ये सभी आंध्रप्रदेश और ओडिशा के रहने वाले थे। एनकाउंटर में बच निकले नक्सली आरके राजू उर्फ रामकृष्ण हर गोपाल की डायरी भी पुलिस के हाथ लगी थी।
डायरी में आंध्र-तेलंगाना के कई बड़े लोगों को पैसे पहुंचाने का जिक्र था। फिर जांच एनआईए को सौंपी गई। एनआईए ने जांच की तो कई तथ्य मिले। एनआईए की अलग-अलग टीमों ने गुरुवार को आंध्र और तेलंगाना के 7 जिलों हैदराबाद, रचकोंडा, मेडक, प्रकाशम, विशाखापटनम, विजयवाड़ा और नेलूर के 14 स्थानों पर छापामार कार्रवाई की है।
वसूली की रकम दूसरे राज्य कैसे जाती है?
एनआई की इस जांच से नक्सलियों को सप्लाई होने वाले हथियारों, वॉकीटॉकी सहित अन्य सामानों के खुलासा होने की उम्मीद है। इसके अलावा नक्सलियों के लिए फंडिंग के मामले में भी बड़े खुलासे होने हैं। बताया जा रहा है कि एनआईए की जांच में अभी नक्सलियों की फंडिंग पर फोकस किया गया है। नक्सली अपने प्रभाव वाले इलाके के लोगों से जो लेवी वसूलते हैं वह एक राज्य से दूसरे राज्य कैसे पहुंचती है और लेवी की रकम का उपयोग कैसे होता है इसका भी खुलासा होगा।