Home हिंदी केंद्र सरकार ने 211 करोड़ में बेची हेलिकॉप्टर प्रोवाइडर कंपनी पवनहंस

केंद्र सरकार ने 211 करोड़ में बेची हेलिकॉप्टर प्रोवाइडर कंपनी पवनहंस

देश में हुई कई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं को लेकर बदनाम रहने वाली एकमात्र सरकारी हेलिकॉप्टर प्रोवाइडर कंपनी पवनहंस अब बिक गई है। केंद्र सरकार ने पवनहंस लिमिटेड को 211.14 करोड़ रुपए में स्टार-9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के हाथों बेच दिया है। इसके बाद से ही पवनहंस खबरों में है।

केंद्र सरकार ने पवनहंस लिमिटेड को बेचने का फैसला कर लिया है। हेलिकॉप्टर कंपनी पवनहंस लिमिटेड को बेचने के पीछे सरकार का कहना है कि कंपनी लगातार गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है। इन 3 वजहों से पवनहंस को सरकार ने बेचा है-

तीन दशक से भी अधिक पुरानी इस कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 में लगभग 69 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
इसके बाद साल 2019-20 में भी कंपनी को लगभग 28 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा था।
कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) 3 बार इसे बेचने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन उस समय किसी निवेशक ने इसे खरीदने में रुचि नहीं दिखाई थी। इसी के चलते सरकार ने इस कंपनी से अपनी हिस्सेदारी को बेचने का फैसला किया है।

पवनहंस की बिक्री से पहले सरकार ने कंपनी को घाटे से उबारने की योजना भी बनाई थी। सरकार पवनहंस के हेलिकॉप्टरों की संख्या बढ़ाकर सर्विस में सुधार करना चाहती थी, लेकिन सरकार ऐसा करने में विफल रही। यह कंपनी हेलिकॉप्टर सर्विस देने के अलावा अभी ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट और बिजनेस डेवलपमेंट जैसे प्रोग्राम को भी संचालित करती है।

साल 2018 में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने हेलिकॉप्टर बुक करवाए थे, लेकिन यहां भी कंपनी के मैनेजमेंट की नाकामियों के चलते इन्हें निराशा हाथ लगी और प्राइवेट कंपनियां बाजी मार ले गईं। साथ ही इस कंपनी पर अभी 230 करोड़ों रुपए का कर्ज भी है।