नई दिल्ली ब्यूरो : धनतेरस के अवसर पर मेरठ के बाजारों की रौनक बस देखते ही बनती है. तरह-तरह के गोल्ड-सिल्वर सिक्के बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं. गणेश और लक्ष्मी जी वाले चांदी के सिक्के की खासी मांग है. लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर वाला चांदी का सिक्का सबसे ज्यादा डिमांड में है.
सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि ये सिक्का देशभक्ति वाला है. दुकानदारों का कहना है कि आने वाले दिनों में सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर, भगत सिंह जैसी महान विभूतियों वाला चांदी का सिक्का देखने को मिलेगा.
गणेश-लक्ष्मीजी की तस्वीर वाला चांदी का सिक्का लोग पूजन के लिए खूब खरीद रहे हैं. सर्राफा काराबोरियों का कहना है कि क्वीन विक्टोरिया वाला चांदी का सिक्का लोग ले जाते हैं. लेकिन इस बार अपने देश की महान विभूतियों वाले चांदी का सिक्का बनाकर उन्होंने प्रयास किया है कि इस बार अंग्रेज़ी हुकूमत को याद दिलाने वाले सिक्के की बजाए देशभक्ति वाला क्वाइन लोग गर्व के साथ ले जाएं. दुकानदारों का कहना है कि जब हमारी मुद्रा पर गांधी जी की तस्वीर है तो फिर चांदी के सिक्कों में क्यों नहीं.
सर्राफा कारोबारी विजय आनंद बताते हैं कि भारत में चांदी के सिक्के का इतिहास पुराना है. सन 1835 में ब्रिटिश सरकार के विलियम का सिक्का छपा था. 1840 में क्वीन विक्टोरिया का सिक्का छपा. 1874 में सम्राट के रुप में क्वीन का सिक्का आया. 1938 में जार्ज का सिक्का आया और फिर 1945 में एक और सिक्का आया था और इन्हीं चांदी के सिक्कों का चलन रहा है.
अब गांधी जी क्वीन विक्टोरिया को रिप्लेस करते नजर आ रहे हैं. इन सिक्कों के साथ तरह-तरह के चांदी के गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्ति, चांदी के हनुमान जी. चांदी का रामदरबार, चांदी का कलश, चांदी का पूजाघर, चांदी का लोटा, चांदी की थाली, चांदी की कप-प्लेट आदि सर्राफा की दुकानों में उपलब्ध है.
सर्राफा कारोबारी प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि अब चांदी के किसी भी सामान की हॉलमार्क टेस्टिंग भी लोग करा सकते हैं. मात्र 235 रुपये में ये टेस्ट होता है. हॉलमार्क टेस्ट कराकर लोग चांदी या सोने के सामान की जांच करा सकते हैं. कई शहरों में चांदी या सोने का रेट अलग-अलग होने के सवाल के जवाब में अग्रवाल कि कार्टेज की वजह से इसका रेट अलग-अलग होता है.