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Deepawali 2022 | गन्ने के बिना अधूरा माना जाता है मां लक्ष्मी का पूजन, ये है वजह

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Photo: Umesh Varma Moonlight Dharampeth Nagpur

दिवाली धूमधाम से मनाने की तैयारी पूरे देश ने कर ली है. आपके घर में भी दिवाली से पहले साफ सफाई का दौर चल रहा होगा. कहा जाता है कि साफ सुथरे घर में मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है तो मां और प्रसन्न होती है. यही कारण है कि मां की पूजा अन्य देवी देवताओं की पूजा से बेहद खास है.

मां की पूजा का अपना महत्व है लेकिन मां की पूजन सामग्री का महत्व उससे भी ज्यादा है. मां की पूजा में जो सबसे खास पूजन सामग्री है वह है ईख यानि गन्ना….. ईख की पूजा मां की पूजा के लिए क्यों जरुरी है… इस लेख को पढ़कर आपको इसका जवाब मिल जाएगा.

ज्योतिषाचार्य शर्मा का कहना है कि पुराणों में मान्यता है कि मां लक्ष्मी का एक रूप गजलक्ष्मी भी है. यानि गज पर सवार होकर आने वाली देवी मां. दिवाली की रात मां अपने इसी रूप में एरावत हाथी पर सवार होकर भक्तों को आर्शीवाद देने के लिए भ्रमण करती हैं. चूंकि मां के लिए तो तरह- तरह के पकवान बनाकर पूजा में रखे जाते हैं लेकिन ऐरावत को भी भोजन कराने का विधान है. ऐेसे में हाथी का पसंदीदा खाद्य पदार्थ गन्ना भी पूजन में रखा जाता है.

ज्योतिषाचार्य शर्मा का कहना है कि लक्ष्मी पूजन में पत्तों वाले दो गन्ने रखे जाते है. जिसकी कुछ खास वजह तो नहीं है लेकिन दो अंक शुभता और पूर्णता का प्रतीक होने की वजह से ये संख्या में दो रखने का विधान है.जिनके बीच में मां को विराजित कर पूजा जाता है.शर्मा के अनुसार पूजा पाठ में खंडित वस्तु नहीं रखने के कारण गन्नों को पत्तों सहित रखा जाता है.

 

मां की पूजा के बाद पूरी रात माता के अन्य प्रसाद के साथ ही गन्ना भी रखा जाता है और अगले दिन इसे प्रसाद के रुप में ग्रहण किया जाता है. गन्ना प्राकृतिक मिठास वाला फल है. इसके सेवन से उर्जा मिलती है और गन्ने का जूस कई रोगों को सुधार करने वाला है. सबसे बड़ा रोग माने जाने वाला पीलिया रोग में चिकित्सक गन्ने के जूस को पीने की सलाह देते हैं.

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