नागपुर ब्यूरो : देश की सबसेते ज और सुरक्षित मानी जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को भारतीय रेल का चेहरा बदलने वाला कदम कहा जा रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर और बिलासपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को नागपुर स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना कर यात्रियों को यह ट्रेन समर्पित की थी. यह विदर्भ की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होने के कारण स्थानीय लोगों को इससे काफी उम्मीदें थीं लेकिन रेलवे द्वारा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर स्टापेज दिया गया जबकि विदर्भ में केवल गोंदिया को स्टापेज बनाया गया है. ऐसे में देश के विकास को सेमी हाईस्पीड देने वाली यह ट्रेन विदर्भ के लिए किस काम की. इसलिए वंदे भारत को गोंदिया के अलावा कामठी और तुमसर में भी स्टापेज दिया जाना चाहिए. यह मांग पूर्व विधान परिषद सदस्य परिणय फुके ने की है.
परिणय फुके ने कहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस पूर्णतः यात्री ट्रेन है. इसमें सवार होने वाले व्यापारी और उच्च मध्यवर्गीय यात्री ही होंगे. कामठी में आर्मी कैंटोनमेंट है जिसे देश के बड़े आर्मी कैम्प में माना जाता है. इसके अलावा नागपुर के पास स्थित बड़े व्यापारिक क्षेत्रों में भी कामठी का नाम शामिल है. कामठी से ही 7 किमी दूरी पर मध्य भारत की सबसे बड़ी कलमना मंडी है, जहां छत्तीसगढ़ के व्यापारी भी आते हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ से आने और लौटने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस में सवार होने के लिए कलमना से नागपुर आने के बजाय 7 किमी दूर कामठी पहुंचना अधिक सुविधाजनक साबित होगा. साथ ही कामठी कैंटोनमेंट के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और सैनिकों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी.
परिणय फुके के अनुसार तुमसर भंडारा क्षेत्र को विदर्भ का और छग को देश का धान का कटोरा कहा जाता है. दोनों ही क्षेत्रों में बड़ी संख्या में व्यापारियों की आवाजाही है. तुमसर और भंडारा के बीच केवल 30 किमी की दूरी है. ऐसे में यदि तुमसर में भी वंदे भारत को स्टापेज मिले तो कहने की जरूरत नहीं कि धान के इस छोटे कटोरे को कितना लाभ मिलेगा. कोविड के बाद पहले ही तुमसर से कई ट्रेनों के स्टापेज में भारी कटौती की गई है. ऐसे में छोटे-बड़े व्यापारियों को अपना समय बचाने निजी वाहनों का उपयोग करना पड़ रहा है. यदि वंदे भारत एक्सप्रेस को तुमसर में स्टापेज मिले तो बड़ी संख्या में लोगों के समय की बचत हो सकती है.