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विश्व सिंधी सेवा संगम के लाइव वेब शो में डॉक्टरों ने कोविड पर किया मार्गदर्शन

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नागपुर ब्यूरो : पूरे विश्व के सिंधी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था विश्व सिंधी सेवा संगम का लाइव वेब शो बुधवार को कोविड-19 के बारे में रखा गया. शो में तीन प्रसिद्ध डॉक्टर उपस्थित थे. महाराष्ट्र मेडिकल कौंसिल के उपाध्यक्ष और थैलेसीमिया सोसाइटी ऑफ सेंट्रल इंडिया के अध्यक्ष डॉ. विंकी रुघवानी, नागपुर मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और कोविड विशेषज्ञ डॉ. अतुल राजकोंडवार और आयुर्वेदाचार्य डॉ. गुरमुख ममतांनी.

महाराष्ट्र अध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने बताया कि जेंटलमेन शो पूरे विश्व में 97 देशों और पूरे भारत मे लाखों दर्शकों द्वारा देखा और सराहा जा रहा है. इस वेब लाइव शो का संचालन विश्व सिंधी सेवा संगम के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष लायन डॉ. राजू मनवानी द्वारा किया जाता है. अतिथि परिचय डॉ. भारती छाबरिया और अतिथियों का स्वागत संस्थापक दादा गोपाल सजनानी और सुहाना सिंधी पुणे के अध्यक्ष पीताम्बर पीटर ढलवानी द्वारा किया जाता है. शो की टेक्निकल टीम प्रदीप भाई जोधानी के नेतृत्व में कार्य करती है.

डॉ. विंकी ने कहा कि शादी करने के पूर्व कुंडली मिलाना जरूरी नही है. थैलेसीमिया माइनर की जांच करवाना बेहद जरूरी है. अगर लड़का और लड़की दोनों थैलेसीमिया माइनर हो तो थैलेसीमिया मेजर बच्चे जन्म लेंगे. जिन्हें महीने में कई बार जिंदगी भर खून देना पड़ता है.


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डॉ. अतुल राजकोंडवार ने बताया कि 100 वर्षो बाद यह महामारी आयी है. कम से कम 1 साल यह तकलीफ देश मे जारी रहेगी तब तक सभी ने सुरक्षित रह कर मास्क पहनना, 6 फुट की दूरी रखना और बार बार हाथ धोना जरूरी है. सुखद बात है कि भारत मे कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 75 प्रतिशत है. जब तक किसी का ऑक्सीजन लेवल कम नही होता, इसका इलाज घर मे ही हो सकता है. लोग थोड़ी सी तकलीफ में हॉस्पिटल जाते है जिससे सभी हॉस्पिटल पूरी तरह भर गए है और वास्तविक मरीजो को बेड नहीं मिल पा रहा है.

डॉ. गुरमुख ममतांनी ने बताया कि आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने और कोरोना से बचने के लिये और कोरोना के बाद होने वाली कमजोरी और जो शरीर मे साइड इफेक्ट होते है उसका इलाज है. उन्होंने बताया, आयुष मंत्रालय द्वारा भी कोरोना में बचाव और इम्युनियटी बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश ,आयुर्वेदिक काढा , आयुर्वेदिक दवाइयो के उपयोग को स्वीकृति दी है. काढे का उपयोग दिन में 2 बार ले सकते है. अंत मे तीनो डॉक्टरों का आभार कर प्रताप मोटवानी ने कहा कोरोना में जो डॉक्टरों ने लोगो की निस्वार्थ सेवा की है.


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