फडणवीस सरकार का बड़ा फैसला
मुंबई ब्यूरो : मराठी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। अब राज्य के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और नगर निगम दफ्तरों में मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगले 25 वर्षों में मराठी को ज्ञान और रोजगार की प्रमुख भाषा के रूप में स्थापित करना सरकार का लक्ष्य है।
सरकारी दफ्तरों में मराठी का अनिवार्य उपयोग
सरकारी आदेश के अनुसार, सभी सरकारी कर्मचारी आगंतुकों से मराठी में बात करेंगे। केवल बाहरी राज्यों और अन्य देशों से आने वाले लोगों के लिए यह छूट दी गई है। आदेश का पालन न करने पर शिकायत दर्ज कर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
कीबोर्ड और विज्ञापन में मराठी को बढ़ावा
सरकार ने निर्देश दिया है कि सरकारी अनुदान से खरीदे गए कंप्यूटरों पर मराठी देवनागरी लिपि में कीबोर्ड होना आवश्यक है। इसके अलावा, सभी सरकारी स्वीकृत विज्ञापनों में मराठी भाषा का उपयोग अनिवार्य किया गया है।
AI की मदद से मराठी साहित्य का डिजिटलीकरण
पुणे में आयोजित ‘विश्व मराठी सम्मेलन’ के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने मराठी साहित्य को संरक्षित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के उपयोग की योजना का ऐलान किया। उन्होंने मराठी भाषा विभाग को AI आधारित भाषा मॉडल विकसित करने का निर्देश दिया ताकि यह साहित्य नई पीढ़ी तक पहुंच सके।
शिकायत और कार्रवाई प्रक्रिया
अगर कोई अधिकारी मराठी के अनिवार्य उपयोग के नियम का उल्लंघन करता है तो शिकायतकर्ता विभागीय प्रभारी से शिकायत कर सकता है। यदि शिकायत का समाधान नहीं होता तो महाराष्ट्र विधानमंडल की मराठी भाषा समिति में अपील की जा सकेगी। इस फैसले को मराठी भाषा के संरक्षण और विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।