वो वक्त आ गया है जब घर से लेकर मंदिरों और शहर के पांडालों में मां दुर्गा के जयकारे गूंजेगे. कोविड-19 के संक्रमण के बीच का समय भक्ति की स्वर लहरियों से सराबोर हो जाएगा. शनिवार (17 अक्टूबर) से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक चलेगी. विजयादशमी का त्यौहार 25 और 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
दुनियाभर में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला दुर्गा पूजा उत्सव बंगालियों का प्रमुख त्योहार है. इस साल यह 22 से 26 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. नवरात्र के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हर एक दिन देवी के एक अलग रूप की उपासना करने से भक्त को अलग-अलग रूपों से आशीर्वाद प्राप्त करने का मौका मिलता है.
नवरात्रि और दुर्गा पूजा का कैलेंडर
- 17 अक्तूबर 2020- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
- 18 अक्तूबर 2020 – मां ब्रह्मचारिणी पूजा
- 19 अक्तूबर 2020- मां चंद्रघंटा पूजा
- 20 अक्तूबर 2020- मां कुष्मांडा पूजा
- 21 अक्तूबर 2020- मां स्कंदमाता पूजा
- 22 अक्तूबर 2020- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
- 23 अक्तूबर 2020- मां कालरात्रि पूजा
- 24 अक्तूबर 2020- मां महागौरी दुर्गा पूजा
- 25 अक्तूबर 2020- मां सिद्धिदात्री पूजा
शुरू हो जाती हैं भव्य तैयारियां
दुर्गा पूजा को नवरात्रि के अलावा दुर्गोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें भक्तों द्वारा मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है. नवरात्रि को हर कोई अपने-अपने तरीके से मनाता है. कोई इन दिनों दोनों वक्त अन्न -जल त्यागकर मां की आराधना में लीन रहता है तो कोई फलाहार लेकर व्रत करता है. तमाम भक्त ऐसे भी हैं जो मां की अन्न-जल आहार लेते हैं लेकिन दोनों वक्त पूजा करते हैं. नवरात्रि उत्सव की तैयारी लोग काफी पहले से करते हैं. इन दिनों लोग भक्ति में सराबोर हो जाते हैं और मस्ती का आनंद लेते हैं. पंडाल और पारंपरिक अनुष्ठानों से तमाम स्थल आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं.

इस बार शारदीय नवरात्रि आठ दिनों के होंगे
17 अक्तूबर से शुरू होने वाला नवरात्रि पर्व 25 अक्तूबर तक चलेंगे. इस बार नवरात्रि आठ दिनों तक रहेगा. अष्टमी और नवमी तिथि एक दिन पड़ेगी. 24 अक्तूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी फिर उसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी.
इस नवरात्रि घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां
नवरात्रि पर मां दुर्गा के धरती पर आगमन का विशेष महत्व होता है. देवीभागवत पुराण के अनुसार नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत के रूप में भी देखा जाता है. हर वर्ष नवरात्रि में देवी दुर्गा का आगमन अलग-अलग वाहनों में सवार होकर आती हैं और उसका अलग-अलग महत्व होता है.
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