Home हिंदी Chandrapur : अपनी माँ से बिछड़कर ज़िंदा नहीं रह सका शावक

Chandrapur : अपनी माँ से बिछड़कर ज़िंदा नहीं रह सका शावक

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बाघिन को खोज रहा है वनविभाग, अन्य 2 शावकों का ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में चल रहा है इलाज

चंद्रपुर ब्यूरो : चंद्रपुर जिले की चिमूर तहसील के खडसंगी परिसर के जंगल में वनकर्मियो को हाल में बाघ के तीन शावक मिले थे. ये तीनो शावक अपनी माँ से बिछड़ गए थे. इनमें से एक शावक की मौत हो गई है. यह घटना गुरुवार, 29 अक्टूबर को हुई. जानकारी मिली है कि एनटीसीए के दिशानिर्देश के अनुसार उसका पोस्टमार्टम कर दहन किया गया. अन्य 2 शावकों का उपचार चंद्रपुर में लेकर किये जाने की जानकारी है.

ताडोबा बफर के उपसंचालक ने बताया है कि इन शावकों की मां बाघिन को वनविभाग की ओर से खोजा जा रहा है. खडसंगी के जोगमोगा जंगल परिसर में मंगलवार को वन कर्मचारी गश्त लगा रहे थे. उस समय उन्हें 3 शावक कमजोर हालत में नजर आए. लेकिन बाघिन उन्हें कहीं नहीं दिखाई दी. बाघिन के आने का इंतजार किया गया लेकिन दूसरे दिन 1 शावक की हालत नाजुक होने लगी. उसे उपचार के लिए चंद्रपुर के ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर ले जाने का फैसला किया गया. हालांकि इसी बीच राह में ही उसकी मौत हो गई.

राष्ट्रीय बाघ सुरक्षा प्राधिकरण (एनटीसीए ) के दिशा निर्देश के अनुसार 29 अक्टूबर को उसका पोस्टमार्टम कर दहन किया गया. इसी बीच 2 कमजोर शावकों को उपचार के लिए ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर में लाया गया है. फिलहाल उनपर उपचार शुरू है. खड़संगी वनपरिक्षेत्र अंतर्गत विशेष बाघ संरक्षण दल के माध्यम से उन तीन शावकों की मां बाघिन को खोजने की मुहीम युद्धस्तर पर जारी है.


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