भारत रत्न देश का सर्वोच्च सम्मान हैं जिसे हासिल करने के बाद देश के किसी व्यक्ति का कद कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. इसे हासिल करना जितना मुश्किल है, इसके मिलने के बाद जिंदगी में व्यक्ति किसी परिचय का मोहताज नहीं रहता है. यह पुरस्कार किसी भी शख्स को देश के प्रति उनकी सेवा के लिए दिया जाता है.
भारत रत्न पुरस्कार कला, साहित्य, सार्वजनिक सेवा और खेल के लिए दिया जाता था. जिस समय इस पुरस्कार को शुरू किया गया था, उस समय मरणोपरांत इस पुरस्कार को देने का नियम नहीं था. लेकिन सन् 1955 के बाद मरणोपरांत भी इस पुरस्कार को देने की परंपरा शुरू की गई. आज जानिए इस सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित होने वाले व्यक्ति को सरकार की तरफ से आखिर क्या-क्या मिलता है.
कब हुई थीं शुरुआत
इस पुरस्कार को देने की शुरुआत सन् 1954 में की गई थी. वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेकंटरमण पहले भारतीय थे जिन्हें यह सम्मान दिया गया था. इसके बाद से कई हस्तियों को इस सर्वोच्च पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. चार पूर्व राष्ट्रपति जिनमे एपीजे अब्दुल कलाम भी इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. इसके अलावा सचिन तेंदुलकर, पंडित भीमसेन जोशी, जाने-माने वैज्ञानिक सीएनआर राव को समेत कई हस्तियों को ये सम्मान मिला है. गैर-भारतीयों में मदर टेरेसा, खान अब्दुल गफ्फार खान और नेल्सन मंडेला को भी भारत रत्न पुरस्कार हासिल कर चुके हैं.
कौन करते हैं सिफारिश
किस व्यक्ति को भारत रत्न दिया जाए, इसकी सिफारिश प्रधानमंत्री की तरफ से राष्ट्रपति को भेजी जाती है. फिर राष्ट्रपति की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद उस व्यक्ति को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाता है. इस सम्मान को हासिल करने वाले व्यक्तियों को सरकार की तरफ से ये सुविधाएं दी जाती हैं-
कितनी होती है पुरस्कार राशि
भारत रत्न पाने वालों को सरकार से एक प्रमाणपत्र दिया जाता है. साथ ही पीपल के पत्ते की आकृति जैसा एक तमगा उन्हें सौंपा जाता है. भारत रत्न के लिए जो तमगा मिलता है, उस पर एक सूर्य बना होता है. इस पर हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है. इसके पीछे अशोक के चिन्ह के साथ सत्यमेव जयते लिखा होता है. इस सम्मान के साथ कोई भी धनराशि नहीं दी जाती है. भारत रत्न जैसा प्रतिष्ठित सम्मान हासिल करने वालों को भारत सरकार कई प्रकार की सुविधाएं देती है. इसमें भारत रत्न पाने वाला व्यक्ति रेलवे की यात्रा मुफ्त में कर सकता है. इसके अलावा दिल्ली सरकार मुफ्त में बस सेवा की सुविधा भी प्रदान करती है.
वॉरंट ऑफ प्रेसीडेंस में मिलती है जगह
भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को सरकार की ओर से ‘वॉरंट ऑफ प्रेसीडेंस ‘में जगह दी जाती है. ये एक तरह का प्रोटोकॉल है. जब प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाता है, तब उन्हें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है.
ऐसे लिखना पड़ता है सम्मान का नाम
भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति विजिटिंग कार्ड पर सम्मान का नाम लिख सकते हैं. मगर वे अपने कार्ड पर ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’ ही लिख सकते हैं.
इन हस्तियों को मिला है भारत रत्न
- चक्रवर्ती राजगोपालाचारी 1954
- सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1954
- भगवान दास 1955
- एम. एम विश्वेश्वरैया 1955
- पंडित जवाहरलाल नेहरू 1955
- गोविंद वल्लभ पंत 1957
- डी. केसव कर्वे 1958
- बिधान चंद्र रॉय 1961
- पुरुषोत्तम दास टंडन 1961
- राजेंद्र प्रसाद 1962
- जाकिर हुसैन 1963
- पांडुरंग वामन काने 1963
- लाल बहादुर शास्त्री 1966
- इंदिरा गांधी 1971
- वी.वी. गिरि 1975
- के. कामराज 1976
- मदर टेरेसा 1980
- विनोबा भावे 1983
- खान अब्दुल गफ्फार खान 1987
- एम.जी. रामचंद्रन 1988
- बी.आर. अंबेडकर 1990
- नेल्सन मंडेला 1990
- राजीव गांधी 1991
- सरदार वल्लभभाई पटेल 1991
- मोरारजी देसाई 1991
- अब्दुल कलाम आजाद 1992
- जेआरडी टाटा 1992
- सत्यजीत रे 1992
- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 1997
- गुलजारी लाल नंदा 1997
- अरुणा आसफ अली 1997
- एम.एस.सुबुलक्ष्मी 1998
- चिदंबरम सुब्रमण्यम 1998
- जयप्रकाश नारायण 1999
- रवि शंकर 1999
- अमर्त्य सेन 1999
- गोपीनाथ बारदोलोई 1999
- लता मांगेशकर 2001
- बिस्मिल्लाह खान 2001
- भीमसेन जोशी 2008
- प्रो. सीएनआर राव 2013
- सचिन तेंडुलकर 2013