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INDIA | कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पहुंचे विपक्ष के नेता, राहुल गांधी की नाश्ते पर मीटिंग शुरू

नई दिल्ली : विपक्षी दल के नेताओं के साथ राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट मीटिंग शुरू हो चुकी है। कई विपक्षी नेता कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पहुंच गए हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज सुबह विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर बुलाया था। ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स की मदद से वे विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश तो करेंगे ही, पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों पर संसद में सरकार की घेराबंदी के लिए रणनीति भी तैयार करेंगे ऐसा जानकारों का कहना है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मीटिंग के लिए राहुल ने 14 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलावा भेजा था। इसमें दोनों सदनों के कांग्रेस सांसद भी मौजूद रह सकते हैं। इस दौरान सभी नेता सदन में उठाए जा रहे मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं को दिया है न्योता

राहुल की मीटिंग में लेफ्ट पार्टियों, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, मुस्लिम लीग और नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित 14 दलों के नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है। दोनों सदनों में विपक्षी नेताओं को भी न्योता भेजा गया है।

हालांकि, इस ब्रेकफास्ट मीटिंग में कितनी पार्टियां शामिल होती हैं, इस पर सभी की नजर रहेगी। विपक्षी दल स्पायवेयर से जासूसी के आरोपों की जांच समेत अपनी मांगों को लेकर संसद के दोनों सदनों में स्थगन का दबाव बना रहे हैं। संसद का सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ और 13 अगस्त को खत्म होगा।

विपक्ष का चेहरा बनने की भी कवायद

जानकारी है कि वाम दलों ने सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के तरीके के तौर पर नकली संसद चलाने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, सभी विपक्षी दल इस पर सहमत नहीं हैं। बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है। विपक्षी दल पेगासस स्पायवेयर की मदद से जासूसी के आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह भी एक बैठक की थी। उसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे। बाद में विपक्षी नेताओं ने एक बयान भी जारी किया था। राहुल गांधी पेगासस मुद्दे पर शुरुआत से आक्रामक हैं। ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स को उनकी विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरने की कवायद भी माना जा रहा है। पिछले हफ्ते राहुल तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग के समर्थन में ट्रैक्टर से संसद पहुंचे थे।