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Tokyo Olympics | नीरज ने फेंका ‘स्वर्णिम’ भाला, बजंरग ने लगाया ‘कांसे’ का दांव

इस बार के ओलिंपिक खेल भारत के लिए ऐतिहासिक रहे क्योंकि जापान की राजधानी में भारत ने खेलों के महाकुंभ में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. टोक्यो ओलिंपिक-2020 में भारत ने कुल सात पदक अपने नाम किए हैं जो लंदन ओलिंपिक-2012 के छह पदक के प्रदर्शन से बेहतर है. ऐतिहासिक सिर्फ इसलिए नहीं बल्कि इसलिए भी है क्योंकि इन खेलों में ऐसा कुछ हुआ जिसके लिए भारत को 100 साल का इंतजार करना पड़ा और ये इतिहास रचा पनीपात के रहने वाले एक 23 साल के लड़के- नीरज चोपड़ा ने रचा.

नीरज ने शनिवार को भालाफेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम कर भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक दिलाया. इस पदक का इंतजार भारत को पिछले तकरीबन 100 साल से था. इसी के साथ नीरज ओलिंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी भी बन गए. उनसे पहले अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में बीजिंग ओलिंपिक-2008 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था.

नीरज के अलावा भारत के हिस्से आज एक और पदक आया और वो उसे मिला कुश्ती में. भारत को ये पदक दिलाया बजरंग पूनिया. बजरंग सोने के दावेदार थे लेकिन उनके हिस्से आया कांस्य. भारत आज पदक की हैट्रिक लगा सकता था लेकिन महिला गोल्फर अदिति अशोक तीन दिन तक शानदार खेलने के बाद आज चौथे दिन महज एक शॉट से पदक से चूक गईं. आज के दिन कैसा रहा भारत का प्रदर्शन हम बता रहे हैं आपको

नीरज ने फेंका स्वर्णिम भाला

नीरज चोपड़ा जब टोक्यो ओलिंपिक-2020 के लिए रवाना हुए थे तभी से उनसे पदक की उम्मीद लगाई जा रही थी. नीरज ने क्वालीफिकेशन में पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर की थ्रो फेंक कर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया था. उन्हें दूसरे प्रयास की जरूरत नहीं पड़ी थी. यहां से उनसे पदक की उम्मीदें और बढ़ गई थीं. आज के दिन नीरज ने उन उम्मीदों को पूरा किया. नीरज ने 87.58 मीटर का थ्रो फेंक कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. उनके कड़े प्रतिद्वंदी जर्मनी के योहान्स वेटर तीन प्रयास के बाद बाहर हो गए. उनके दो प्रयास तो फाउल थे. इससे नीरज का स्वर्ण जीतना पक्का हो गया था. नीरज को आखिरी प्रयास तक कोई टक्कर नहीं दे पाया और इस खिलाड़ी ने भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक दिलाया.

बजरंग पूनिया ने गले में डाला कांसा

बजंरग पूनिया से पूरे देश को स्वर्ण पदक की उम्मीद थी लेकिन वह सेमीफाइनल में हार गए थे और फिर उन्हें कांस्य पदक मुकाबला खेलना था. आज कांस्य पदक के मुकाबले में बजरंग के सामने थे कजाख़स्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव. बजरंग ने यह मैच 8-0 से अपने नाम कर कांस्य पदक जीता. पहले पीरियड में बजंरग 2-0 से आगे थे और फिर दूसरे पीरियड में बजंरग ने अपने विरोधी को वापसी का मौका नहीं दिया और छह अंक लेकर मुकाबला अपनी झोली में डाला.

गोल्फ में अदिति पदक से चूकीं

भारत को दिन की शुरुआत में हालांकि एक निराशा हाथ लगी. महिला गोल्फर अदिति अशोक तीन दिन तक दूसरे स्थान पर रहते हुए पदक की रेस में थीं लेकिन आज चौथे और आखिरी राउंड में वह पदक से चूक गईं. चौथे दिन अदिति ने 68 का स्कोर खेला जिससे उनका कुल स्कोर 269 हो गया और वह चौथे स्थान पर रहकर पदक के करीब आकर चूक गईं. तीसरे स्थान पर रहने वाली न्यूजीलैंड की को ल्यडिया का कुल स्कोर 268 रहा. अदिति का यह दूसरा ओलिंपिक था. इससे पहले वे रियो ओलिंपिक-2012 में खेली थीं. किसी ने नहीं सोचा था कि अदिति इस तरह का प्रदर्शन करेंगी लेकिन अदिति ने अपने खेल से सभी को हैरान कर दिया हालांकि पदक उनकी किस्मत से दूर ही रहा.