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Nagpur | 2 साल बाद अपने माता – पिता से मिला दिव्यांग बच्चा, ‘आधार’ बना मिलन का आधार

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नागपुर ब्यूरो: आधार नंबर ने ‘मेरा आधार मेरी पहचान’ को एक बार फिर साबित कर दिखाया है. ताजा उदाहरण एक 15 वर्षीय विशेष रूप से विकलांग और बधिर बच्चे का है, जो आधार के कारण 2 साल बाद 3 अगस्त 2021 को अपने माता – पिता से मिल पाया है. इसमें नागपुर के मानकापुर स्थित आधार सेवा केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

मामला कुछ ऐसा है की 13 साल की उम्र का एक बच्चा 5 अगस्त 2019 को नागपुर रेलवे स्टेशन पर लापता पाया गया था. चूंकि बच्चा विशेष रूप से विकलांग और बहरा था, रेलवे अधिकारियों ने उस लड़के को सरकारी बाल गृह (जूनियर), पाटनकर चौक, नागपुर को सौंप दिया, जिसमें उसे नाम दिया गया, जयनाथ.

बाल ग्रह के अधीक्षक विनोद दाबेराव ने 16 जून 21 को बच्चे के लिए आधार तैयार करने के लिए आधार सेवा केंद्र (ASK) नागपुर का दौरा किया. चूंकि तकनीकी समस्या के कारण ई.आई.डी. को खारिज कर दिया गया था, 4 जुलाई 2021 को ASK नागपुर Tech. सपोर्ट के आधार पर ई.आई.डी. सत्यापन 9 जुलाई 2021 को किया गया था. सत्यापन के विवरण पर सामने आया कि आधार पहले से ही वर्ष 2016 में बना हुआ है, जिसका नाम शिवम चौहान है, जिसका पता यूपी का है. 23 जुलाई 2021 को यू.आर.एन. विवरण सत्यापित और जांचा गया. बाल ग्रह के अधीक्षक को 26 जुलाई 2021 को निवासी के साथ आने के लिए कहा गया ताकि सत्यापित ई.आई.डी. के आधार पर अंगूठे के निशान (बॉयोमेट्रिक) से आधार का प्रिंट दिया जा सके.

आधार प्रिंट होने पर उजागर हुई पहचान

बाल गृह के अधीक्षक ने 27 जुलाई 2021 को जौनपुर जिला (यूपी) के सोनिकपुर पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया. उन्होंने आगे एक पुलिसकर्मी को सैनिकपुर गांव भेजा, जहां सरपंच ने माता-पिता को ग्रामपंचायत में बुलाया और लापता बच्चे की पुष्टि की. माता-पिता ने सूचित किया है कि बच्चा अपने क्षेत्र से ही छूट गया था जिसके लिए उन्होंने और अधिक खोज की थी लेकिन कोई शिकायत नहीं की है. नागपुर पुलिस और बाल गृह के अधीक्षक के फोन कॉल पर अनुरोध के आधार पर निवासी के माता-पिता 2 अगस्त 2021 को नागपुर आए. बाल कल्याण समिति के विवेकानुसार सौंपने की प्रक्रिया एवं अपेक्षित दस्तावेज 3 अगस्त 2021 को बाल गृह के अधीक्षक द्वारा विधिक रूप से पूर्ण कर लिया गया. सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, बच्चे को प्रत्यक्ष रूप से 3 अगस्त 2021 को दोपहर 2 बजे बाल गृह के अधीक्षक द्वारा माता-पिता को सौंप दिया गया है, जिन्हें उसी दिन ट्रेन से शाम 5 बजे उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया. कैप्टन अनिल मराठे केंद्र प्रबंधक, ASK नागपुर और उनके कर्मचारियों की मेहनत और आधार कार्ड के कारण ही लापता बच्चे को उसके माता-पिता मिल सके.