पिछले करीब 2 साल में कोरोना की वजह से कई लोगों की जानें गईं, नौकरियां गईं, धंधे चौपट हो गए, लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा, लेकिन इन मुश्किल हालात में भी कई लोगों ने खुद की नई कहानी लिखी। नए धंधे शुरू किए और अब कामयाबी की राह पर हैं। चंडीगढ़ की रहने वाली मेहेर कैरों भी उनमें से एक हैं। मेहेर लंदन में कॉर्पोरेट लॉयर रही हैं। पिछले करीब एक साल से वे होममेड मसालों का बिजनेस कर रही हैं। देशभर में उनके कस्टमर्स हैं। हर महीने 1500 से ज्यादा ऑर्डर्स उनके पास आ रहे हैं। इससे सालाना लाखों में उनकी कमाई हो रही है।
30 साल की मेहेर की शुरुआती पढ़ाई चंड़ीगढ़ में हुई। इसके बाद अमेरिका से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और फिर इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की। इसके बाद 3 साल तक लंदन में बतौर कॉर्पोरेट लॉयर काम किया और साल 2019 में भारत लौट आईं।
मसालों के बारे में रिसर्च की, घर से ही शुरू किया स्टार्टअप
मेहेर बताती हैं कि हमारे पास किचन में इस्तेमाल होने वाले हर तरह के मसाले उपलब्ध हैं। ये सभी पूरी तरह से होममेड हैं और इसमें कोई केमिकल नहीं मिला है।
इसके बाद मेहेर ने अपने स्टार्टअप को लेकर प्लानिंग शुरू कर दी। उन्होंने अलग-अलग मसालों को लेकर रिसर्च की, उनके बनने के प्रोसेस और ओरिजिनल सोर्स के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद अपने घर से ही 2020 के अंत में स्टार्टअप की शुरुआत की। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम Fairer Foods रखा। बजट को लेकर वे बताती हैं कि शुरुआत में बहुत ज्यादा बजट नहीं लगा था। जैसे-जैसे हमारा काम बढ़ता गया हम बजट भी बढ़ाते गए। यानी जितना अर्न करते थे, उसके हिसाब से इन्वेस्ट भी करते गए।
मार्केटिंग स्ट्रैटजी को लेकर मेहेर कहती हैं कि पहले तो परिचित लोगों ने हमारे प्रोडक्ट खरीदे। फिर हम वॉट्सऐप ग्रुप से मार्केटिंग करने लगे। इसके कुछ ही दिनों बाद हमने खुद की वेबसाइट भी तैयार कर ली। इसका फायदा यह हुआ कि लोग हमारी वेबसाइट की लिंक एक दूसरे के साथ शेयर करने लगे। इससे हमारे कस्टमर्स की संख्या बढ़ गई।
किचन के मसाले खत्म हुए तो आया आइडिया
30 साल की मेहेर ने इंग्लैंड की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की है। तीन साल तक उन्होंने बतौर कॉरपोरेट लॉयर काम भी किया है। मेहेर बताती हैं कि भारत आने के बाद मैं खुद का कुछ करना चाहती थी, लेकिन उसके पहले कुछ इंडस्ट्री एक्सपीरियंस भी हासिल करना जरूरी था। इसलिए मुंबई में एक कंपनी के साथ जुड़ गई। हालांकि इसके कुछ ही महीने बाद कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और मुझे अपने घर चंडीगढ़ आना पड़ा। इस दौरान किचन के काम में मेरी दिलचस्पी बढ़ने लगी। मैं हर दिन कुछ नया बनाने की कोशिश करने लगी। इसी बीच एक दिन कुछ मसाले खत्म हो गए। ये मसाले मेरे पापा केरल से मंगाते थे।
लॉकडाउन की वजह से तब वहां से मसाले मंगाना मुमकिन नहीं था। मैंने मार्केट में तलाश की, कुछ मसाले खरीदे भी, लेकिन वह टेस्ट मुझे नहीं मिला। मेहेर को लगा कि इस तरह की दिक्कतें अभी दूसरे लोगों के साथ भी हो रही होंगी। तो क्यों न इसको लेकर ही कुछ ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए, जहां ओरिजिनल सोर्स से तैयार सभी मसाले एक ही जगह पर उपलब्ध हों। किसी को अलग-अलग जगहों पर जाने की जरूरत ही न पड़े।