आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम साइंस डेस्क : मंगल ग्रह सदा से मानव सभ्यता के लिए उत्सुकता का केंद्र रहा है। खगोलविदों का मानना है कि करोड़ों साल पहले इस सुंदर लाल ग्रह पर पानी की मौजूदगी थी। ऐसे में वहां पर प्राचीन समय में जीवन होने की संभावना भी व्यक्त की जाती है। इसी की तलाश मंगल पर नासा द्वारा भेजे गए मिशन क्यूरियोसिटी (2012) और पर्सीवरेंस (2021) कर रहे हैं। आपको बता दें कि पृथ्वी और मंगल ग्रह में कई समानताएं हैं। दोनों ग्रहों पर दिन और रात का समय लगभग बराबर है। ये हमारी पृथ्वी का सबसे नजदीकी ग्रह है। इसी वजह से इस सुंदर लाल ग्रह को पृथ्वी वासियों के दूसरे घर के रूप में भी देखा जा रहा है।
ऐसे में दुनिया की कई बड़ी स्पेस एजेंसियां मंगल पर मैन मिशन भेजने के लिए अपनी कमर कस रही हैं। हालांकि संभावना ये जताई जा रही है कि एलन मस्क की निजी कंपनी स्पेसएक्स साल 2026 में मंगल की सतह पर पहले इंसान को उतार सकती है। इसी सिलसिले में आज हम “आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम” पर ये जानेंगे कि उनके इस मिशन की रूपरेखा क्या होने वाली है? और वे किस प्रकार से मंगल की सतह पर पहले इंसान को उतारेंगे।
स्टारशिप रॉकेट की अहम भूमिका
कहा जा रहा है कि स्पेस एक्स का स्टारशिप रॉकेट इस मिशन में अहम भूमिका निभाने वाला है। ये रॉकेट एक बार में करीब 100 मीट्रिक टन कार्गो आसानी से पृथ्वी के ऑर्बिट में पहुंचा सकता है। 394 फीट लंबे इस रॉकेट में करीब 6 रेप्टर इंजन लगे हुए हैं। यही नहीं इसमें एक साथ करीब 100 यात्री आसानी के साथ बैठ सकते हैं। स्पेस एक्स की वेबसाइट पर दी गई जानकारी की मानें तो ये आसानी से क्रू मेंबर्स और लॉजिस्टिक को पृथ्वी से चंद्रमा और मंगल ग्रह तक पहुंचा सकता है। आने वाले समय में इस रॉकेट के ऊपर भी कई काम होने वाले हैं। मार्स को कॉलोनाइज करने के लिए भारी मात्रा में कार्गो की जरूरत होगी, तो अंदाजा ये लगाया जा रहा है कि जल्द ही स्टारशिप का अपग्रेडेड वर्जन भी सामने आ सकता है, जिसमें करीब 37 रेप्टर इंजन लगे होंगे।
साल 2022 में टेस्ट मिशन भेजने की योजना
साल 2022 में मंगल ग्रह 26 महीनों के बाद पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा। ये समय मार्स पर मिशन भेजने के लिए काफी उचित रहता है। ऐसे में साल 2022 में स्पेस एक्स एक टेस्ट मिशन मार्स पर भेज सकता है, जिसमें कोई भी इंसान नहीं होगा। इस मिशन का काम वास्तविक मिशन के लिए महत्वपूर्ण डेटा को जुटाना होगा।
ऐसे मंगल ग्रह के ऑर्बिट तक भेजा जाएगा इंसानोंं को
स्पेसएक्स की योजना है कि मंगल ग्रह पर भेजने के लिए वह पहले स्टारशिप को पृथ्वी के ऑर्बिट में प्रवेश करवाएगा। ऑर्बिट में प्रवेश करने के बाद कई दूसरे रॉकेट इसमें लॉजिस्टिक फिल करेंगे। इसमें मार्स को कॉलोनाइज करने के लिए जरूरी कार्गो को शामिल किया जाएगा। उसके बाद ये रॉकेट कार्गो और इंसानों को लेकर सीधा मंगल ग्रह के ऑर्बिट में प्रवेश करेगा।
ऐसे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा स्टारशिप
मंगल का वातावरण बेहद ही पतला है। इस कारण सतह पर उतरने के लिए काफी विशेष उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा। ऑर्बिट में दाखिल होते ही स्टारशिप करीब 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से नीचे उतरेगा। उसके बाद स्टारशिप के सभी इंजन चालू हो जाएंगे। थ्रस्टर्स की सहायता से मंगल की सतह पर रॉकेट की सॉफ्ट लैंडिंग होगी और उसके बाद मनुष्यता का पहला कदम मंगल की सतह पर अपना ना मिटने वाला निशान बनाएगा।
2026 तक पूरा होगा मिशन
एलन मस्क की मानें तो वह इस बात को लेकर काफी भरोसे में हैं कि स्पेसएक्स साल 2026 तक पहले इंसान को मंगल की सतह पर उतार देगा। कई लोगों का ये भी कहना है कि मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने के बाद उसको पृथ्वी की तरह टेराफॉर्म करने की भी शुरुआत की जाएगी।