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JAIPUR | सेमिनार में गडकरी का तंज – कोई मंत्री न बनने से दुखी, किसी को कुर्सी जाने का सता रहा है डर

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जयपुर ब्यूरो : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आज जयपुर में थे. वो यहां राजस्थान विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र पर सेमिनार को संबोधित करने आए थे. गडकरी हल्के मूड में दिखाई दिये. उन्होंने आज के राजनीतिक हालात पर चुटकी ली जिसका सभी ने आनंद लिया.

नितिन गडकरी ने राजनीति में हर दल में मची उठापटक पर बिना किसी का नाम लिए तंज कसा कि समस्या सबके साथ है. पार्टी में भी है और पार्टी के बाहर भी. वो आगे बोले- आज के हालात में हर कोई दुखी है. कोई मंत्री न बनने से दुखी है तो मुख्यमंत्री इसलिए दुखी हैं कि पता नहीं कब हटा दिये जाएंगे.

मुख्यमंत्री परेशान कि पता नहीं कब कुर्सी चली जाए

राजस्थान विधानसभा में संसदीय लोकतंत्र पर सेमिनार को संबोधित करते हुए गडकरी ने कई तंज कसे. लेकिन किसी का नाम नहीं लिया. गहलोत सरकार पर भी चुटकी लेने से वो नहीं चूके. वो बोले विधायक मंत्री न बनने से दुखी हैं तो मंत्री अच्छा विभाग न मिलने से और जिनके पास अच्छा विभाग है वे सीएम न बन पाने से और सीएम हटने के डर से. गडकरी ने कहा राजनीति में उतार चढ़ाव तो आते रहते हैं. एक बार नागपुर में उनके एक कांग्रेसी दोस्त ने उन्हें कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता दिया था. लेकिन विचारधारा से मैंने समझौता नहीं किया.

हर जगह समस्या तो है

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री मजाकिया अंदाज में थे. वो धारा प्रवाह बोलते रहे. गडकरी ने कहा- समस्या सबके सामने है. पार्टी में है. पार्टी के बाहर है. परिवार में है. आजू बाजू में है. एक ने पूछा तुम में से सुखी कौन है. कोई भी हाथ खड़ा नहीं कर पाया. जो एमएल हैं इसलिए दुखी कि मंत्री नहीं बन पाए. मंत्री इसलिए दुखी थे कि अच्छा डिपार्टमेंट नहीं मिला. जिन्हें मिला वो इसलिए दुखी थे कि सीएम नहीं बन पाए और सीएम इसलिए दुखी कि कब तक रहेंगे इसका पता नहीं. पता नहीं कब चले जाएं.

दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे देश में विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है, उसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता है. हमें अपने क्षेत्र का विकास करने के लिए पहले विजन बनाना होगा और फिर उसी के अनुसार कार्य करना होगा. उन्होंने पानी और सड़कों को विकास का आधार बताते हुए कहा कि हमारे यहां पानी की कमी नहीं है, लेकिन उसके नियोजन का अभाव है. हमें जल संरक्षण का महत्व समझते हुए अपने-अपने क्षेत्र में पानी की के संरक्षण तरफ ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि जब तक 50 फीसदी से अधिक क्षेत्र सिंचाई के दायरे में नहीं आएगा तब तक किसान समृद्ध नहीं हो सकेगा. उन्होंने दुनिया की मांग-आपूर्ति के अनुसार क्रॉप पेटर्न में बदलाव लाने की आवश्यकता पर बल दिया.

राजनीति : सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने का प्रभावी उपकरण

गडकरी ने राजनीति को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने का प्रभावी उपकरण बताते हुए कहा कि राजनीति का अर्थ केवल सत्ताकरण नहीं है, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण करना है. उन्होंने कहा कि समाज सेवा राजनीति का प्रमुख कारक है और हम देश का भाग्य बदलने के लिए राजनीति में आए हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति का सही अर्थ समाज का कल्याण है ताकि लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन हो सके. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती और अच्छाई चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर निर्भर है. ईमानदारी और विश्वसनीयता हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और लोकतंत्र के प्रति आस्था रखते हुए गरीब का कल्याण ही अपने जीवन का उद्देश्य होना चाहिए.