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जीएसटी काउंसिल की मीटिंग | कोविड और कैंसर की दवाएं सस्ती हुईं, लेकिन ऐप से खाना मंगाना और आइसक्रीम खाना हुआ महंगा

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नई दिल्ली ब्यूरो : कोविड के बाद पहली बार हुई जीएसटी काउंसिल की फिजिकल मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए। कई सामान पर जीएसटी का रेट घटा दिया गया, तो कई में इजाफा किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चर्चा के बाद यह फैसला किया गया कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का सही समय नहीं है।

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में कैंसर और कोरोना की दवाएं सस्ती करने का फैसला हुआ। वहीं, जोमैटो और स्विगी जैसे ऐप से खाना ऑर्डर करना महंगा हो गया है। आइसक्रीम का स्वाद लेना भी महंगा होगा। आइए देखते हैं कि जीएसटी काउंसिल के आज के फैसले से क्या चीजें महंगी हुई हैं और क्या सस्ती।

कोरोना की दवाओं को जीएसटी से छूट

कोरोना की दवाओं पर दी जा रही जीएसटी से छूट 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। इनके अलावा कैंसर के इलाज में काम आने वाली दवाओं पर भी जीएसटी टैक्स का रेट 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

बाहर का खाना हुआ महंगा

स्विगी और जोमैटो जैसे ऐप पर 5% का टैक्स लगेगा। टैक्स वहां कटेगा, जहां डिलीवरी की जाएगी। कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है, लेकिन कई आइटम के टैक्स रेट में बढ़ोतरी की गई है।

कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक महंगा हुआ

खाने-पीने के सामान में कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक महंगा हुआ है। इस पर 28% का जीएसटी और उसके ऊपर 12% का कंपनसेशन सेस लगेगा। पहले इस पर सिर्फ 28% का जीएसटी लग रहा था। फ्रूट जूस या फ्रूट पल्प जूस पर 12% का जीएसटी लगता है।

आइसक्रीम खाना भी महंगा

आइसक्रीम पार्लर का मजा महंगा हो जाएगा। इस पर 18% टैक्स लगेगा, 5% नहीं जैसा कि 2017 में जीएसटी सिस्टम लागू किए जाने के बाद से लगता रहा है। सरकार ने इसको लेकर क्लैरिफिकेशन जारी किया है।

मीठी सुपारी और कोटेड इलायची अब महंगी

मीठी सुपारी और कोटेड इलायची अब महंगी पड़ेगी। सरकार ने इसको लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। इस पर 5% जीएसटी लगता रहा था जो अब 18% हो गया है।

बायोडीजल हुआ सस्ता

डीजल में ब्लेंडिंग के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दिए जाने वाले बायो डीजल पर लागू जीएसटी का रेट 12% से घटाकर 5% किया गया है। ऐसे में डीजल की गाड़ियां चलाने वाले थोड़े सस्ते फ्यूल की उम्मीद कर सकते हैं।

कलम पर 18% जीएसटी

एक खबर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को प्रभावित करने वाली है। हर तरह की कलम पर लगने वाले जीएसटी का रेट एकसमान 18% कर दिया गया है। अब तक इन पर 12% से 18% तक का जीएसटी लगता रहा है।

रेट्रोफिटेड वाहन​​​​ का जीएसटी घटा

दिव्यांगों के रेट्रोफिटेड वाहनों (जिन गाड़ियों में उनकी जरूरत के हिसाब से मॉडिफिकेशन किया जाता है) पर लगने वाले जीएसटी के रेट को घटाकर 5% दिया गया है।

ट्रेनिंग प्रोग्राम टैक्स-फ्री

उन लोगों के लिए अच्छी खबर है, जो किसी सरकारी सपोर्ट वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हैं और जिसका 75% तक खर्च सरकार उठाती है। उनको अब ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए जीएसटी नहीं देना पड़ेगा। अभी सिर्फ 100% सरकारी फंडिंग वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम ही टैक्स फ्री होते हैं।

मेटल पर जीएसटी बढ़ा

आयरन, कॉपर, जिंक, एल्यूमीनियम और कुछ दूसरे मेटल पर जीएसटी का रेट 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। ऐसे में कई तरह के इलेक्ट्रिकल उपकरण महंगे हो सकते हैं।

ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ेगी

​​​​​​​पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सर्विस देने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को टैक्स के दायरे में लाया गया है। यह टैक्स अगले साल 1 जनवरी से लागू होगा। इससे आपकी ट्रांसपोर्ट कॉस्ट में बढ़ोतरी हो सकती है।

ईंट-भट्ठा सेक्टर को फ्लैट रेट से जीएसटी

​​​​​​​ईंट-भट्ठा सेक्टर को सर्विसेज सेक्टर की तर्ज पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) बिना 6% के फ्लैट रेट से जीएसटी देना होगा। इनपुट कॉस्ट क्रेडिट के साथ टैक्स रेट मौजूदा पांच प्रतिशत से बढ़कर 12% हो जाएगा। कंपोजिशन स्कीम में टैक्सपेयर्स को जीएसटी की औपचारिकताओं की पेचीदगी से छुटकारा मिलता है।