कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक गंदे कमरे में झाड़ू लगाते हुए नजर आ रही हैं. दरअसल, प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का दौरा करने के प्रयास के बाद रविवार को यूपी के एक गेस्ट हाउस में हिरासत में लिया गया, जहां हिंसक झड़पों के बाद कथित तौर पर 8 लोग मारे गए थे. उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
प्रियंका गांधी का ये वीडियो एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है, इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘श्रीमती @प्रियंका गांधी जी को लखीमपुर खीरी जाने के केस में अरेस्ट किया गया है और अब वे अनशन पर हैं…वह अपने कमरे में झाड़ू लगाती नजर आ रही हैं.’
मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए किसी भी नेता को विरोध स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की घोषणा के बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता को हिरासत में ले लिया. इससे पहले प्रियंका का एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें प्रियंका गांधी पुलिस से बहस कर रही थीं और उन्हें हिरासत में लेने के लिए वारंट की मांग कर रही थीं. उन्होंने आगे क्लेम किया कि पुलिस ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया. वीडियो में प्रियंका को कहते सुना जा सकता था, ‘मैं उन लोगों से महत्वपूर्ण नहीं हूं जिन्हें आपने मारा है..आप जिस सरकार का बचाव कर रहे हैं…आप मुझे एक कानूनी वारंट, एक कानूनी आधार दें, अन्यथा मैं यहां से नहीं हटूंगी और आप मुझे नहीं छूएंगे.’
True grit & courage against a brutal state.
Smt. @priyankagandhi Ji arrested in order to go to Lakhimpur Kheri, is on fast. She is seen sweeping her room.#लखीमपुर_किसान_नरसंहार#PriyankaGandhi pic.twitter.com/xZ6FueLukk
— Neeraj Kundan (@Neerajkundan) October 4, 2021
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस कमरे में उन्हें हिरासत में लिया गया था, वह पूरी तरह से साफ नहीं था और प्रियंका गांधी ने खुद साफ करने का फैसला लिया. उनकी नजरबंदी के समय, कई कांग्रेस कार्यकर्ता केंद्र के बाहर एकत्र हुए और विरोध किया. उन्होंने पुलिस पर प्रियंका गांधी और दीपेंद्र हुड्डा के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा ने चार किसानों सहित आठ लोगों की जान ले ली, जिससे पूरे देश में व्यापक आक्रोश फैल गया और कई विपक्षी नेताओं ने हिंसा प्रभावित जिले का दौरा करने के लिए संघर्ष के पीड़ितों से मिलने का फैसला किया.