आज 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस (Air Force Day) मनाया जा रहा है. एयर फोर्स डे परेड में 1971 के युद्ध में शामिल स्थानों और लोगों से संबंधित कॉल साइन के साथ फॉर्मेशन शामिल होगा. ये फॉर्मेशन साइन देश के जवानों के युद्ध कौशल को दर्शाने वाले होंगे. 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश के निर्माण में मदद की थी. भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा है कि प्रसिद्ध तंगेल एयरड्रॉप ऑपरेशन को तीन पैराट्रूपर्स के साथ दिखाया जाएगा. सेना के एक पुराने डकोटा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से आर्मी जंपिंग होगी. परेड में उड़ान भरने वाला विनाश फॉर्मेशन छह हॉक विमानों के साथ लोंगेवाला ऑपरेशन में जीत का प्रदर्शन करेगा.
मूल रूप से, हंटर विमान ने पाकिस्तानी बख्तरबंद संरचनाओं को तबाह कर दिया था, ये बख्तरबंद वाहन रेगिस्तान में भारतीय ठिकानों पर हमला करने आए थे. अपने एकमात्र परमवीर चक्र से सम्मानित निर्मलजीत सिंह सेखों को सम्मानित करते हुए, सेखों के फॉर्मेशन में राफेल, एलसीए तेजस, जगुआर, मिग-29, मिराज 2000 लड़ाकू विमानों में से प्रत्येक को परेड के ऊपर उड़ान भरते हुए देखा जाएगा.
यहां देखिये सीधा प्रसारण –
— Indian Air Force (@IAF_MCC) October 8, 2021
क्यों मनाया जाता है वायु सेना दिवस?
मेघना नदी के पार सेना के सैनिकों को ले जाने के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा प्रसिद्ध हेली-ब्रिजिंग ऑपरेशन से संबंधित मेघना फॉर्मेशन में एमआई -17 और चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल होंगे. 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी. यही वजह है कि हर साल 8 अक्टूबर वायु सेना दिवस मनाया जाता है. आजादी से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) कहा जाता था. हालांकि बाद में इसे सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था.
अबतक 5 युद्ध लड़ चुकी है वायु सेना
1 अप्रैल 1933 को एयरफोर्स का पहला दस्ता गठित किया गया था, जिसमें 6 आरएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सैनिकों को शामिल किया गया था. वायु सेना ने दूसरे विश्व युद्ध में भी अपनी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. देश के आजाद होने के बाद से भारतीय वायुसेना 5 युद्ध में शामिल हो चुकी है. इनमें पाक के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 शामिल है. 1962 में चीन के खिलाफ भी भारतीय वायु सेना ने एक युद्ध लड़ा था.