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41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को मिलाकर बनी 7 डिफेंस कंपनियां, हथियारों के इंपोर्ट में कमी आने की उम्मीद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयदशमी के अवसर पर 7 नई डिफेंस कंपनियां राष्ट्र को समर्पित कीं। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) को भंग कर इन कंपनियों का गठन किया गया है। सरकार के इस कदम से हथियारों के इम्पोर्ट में कमी आने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। PM मोदी ने कहा, ‘5 साल मे 325% डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ा है। रक्षा कंपनियों को अपग्रेड किए जाने की जरूरत थी जो किया गया। रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरने जा रही हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी।’
इन 7 कंपनियों को किया गया शामिल

जिन सात नई रक्षा कंपनियों को शामिल किया गया है, वे हैं म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL), आर्म्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVANI), एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWE India), ट्रूप्स कम्फर्ट्स लिमिटेड (TCL), यंत्र इंडिया लिमिटेड (YIL), इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL), ग्लिडर्स इंडिया लिमिटेड (GIL)। इन कंपनियों में पिस्टल से लेकर फाइटर प्लेन तक बनाया जाएगा। एक दिन पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया था कि सरकार डिफेंस सेक्टर में सुधार लाने के लिए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) को एक विभाग से सात पूर्ण सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं में बदलने जा रही है।

पिछले 15-20 साल से लटका था मामला

पीएम ने कहा, ’41 ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, 7 नई कंपनियों की ये शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं। ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था। मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बड़ा आधार बनेंगी।’

फैक्ट्रियों को अपग्रेड करने पर ध्यान नहीं दिया गया

मोदी ने कहा, ‘वर्ल्ड वॉर के समय भारत की ऑर्डिनेन्स फैक्ट्रियों का दम-खम दुनिया ने देखा है। हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। आजादी के बाद हमें इन फैक्ट्रियों को अपग्रेड करने और नई टेक्नोलॉजी को अपनाने की जरूरत थी, लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया।

कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा। इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65 हजार करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं। ये हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश के विश्वास को दिखाता है।

ग्लोबल ब्रांड बने भारत की कंपनियां

एक कंपनी एम्युनेशन और एक्सप्लोसिव्स की जरूरतों को पूरा करेगी, तो दूसरी कंपनी आर्मी व्हीकल मैन्युफैक्चर करेगी। इसी तरह, एडवांस वेपन और इक्विपमेंट हों, ट्रूप्स कम्फर्ट आइटम हों, ऑप्टिकल इलेक्ट्रॉनिक्स हों, या पैराशूट्स- हमारा लक्ष्य है कि भारत की कंपनियां न केवल इन क्षेत्रों में एक्परटाइज हासिल करे, बल्कि एक ग्लोबल ब्रांड भी बनें। कॉम्पिटिटिव कॉस्ट हमारी ताकत है, क्वालिटी और रिलायबिलिटी हमारी पहचान होनी चाहिए।

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