भारत में अब तक का पहला अल्कोहल संग्रहालय गोवा में खोला गया है. ये जगह पार्टी करने और बीच के शौकीनों की सबसे पसंदीदा मानी जाती है. संग्रहालय के माध्यम से लोगों को यहां की संस्कृति और अनोखे इतिहास की जानकारी दी जाएगी. इसका नाम ‘ऑल अबाउट अल्कोहल’ (All About Alcohol) रखा गया है. संग्रहालय कैंडोलिम में स्थित है. ये जगह पर्यटकों के बीच स्थानीय रूप से पी जाने वाली ‘फेनी’ शराब के लिए लोकप्रिय है. जिसे नारियल या काजू फल से बनाया जाता है.
कैंडोलिम में अपनी तरह का अनूठा संग्रहालय 500 साल पुरानी फेनी की कहानी बताएगा. संग्रहालय में फेनी की सदियों पुरानी बोतलें रखी गई हैं, कांच से बने बर्तन हैं, पुराने लकड़ी के डिस्पेंसर हैं और इनके पीछे छिपे इतिहास की जानकारी दी गई है. ऑल अबाउट अल्कोहल संग्रहालय के संस्थापक नंदन कुदचडकर ने कहा, ‘संग्रहालय शुरू करने के पीछे का उद्देश्य दुनिया को गोवा की समृद्ध विरासत, विशेष रूप से फेनी की कहानी बताना है. जिसे यहां काफी पसंद किया जाता है.’
क्लब के मालिक भी हैं कुडचडकर
पेशे से बिजनेसमैन कुडचडकर प्राचीन वस्तुओं को एकत्रित करने के शौकीन हैं और कैंडोलिम में क्लब एलपीके के मालिक भी हैं. उनका कहना है कि वह शराब के सेवन की आदत को बढ़ावा नहीं देना चाहते, लेकिन गोवा में फेनी बनाने की अनूठी और समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए बस उन्होंने एक गैलरी की स्थापना की है. अल्कोहल संग्रहालय के सीईओ अर्मांदो डुआर्टे ने कहा, ‘साल 2016 में सरकार ने फेनी को ‘हेरिटेज ड्रिंक’ घोषित किया था. यह जरूरी भी है क्योंकि कई संस्कृतियों ने अपने सांस्कृतिक पेय जैसे शैंपेन और वोदका को अपनाया है.’
संग्रहालय में मौजूद हैं चार कमरे
संग्रहालय पणजी से लगभग 10 किमी दूर उत्तरी गोवा के समुद्री तट सिंक्वेरिम और कैंडोलिम के पर्यटन केंद्र को जोड़ने वाले स्थान पर स्थित है. इसे ‘ऑल अबाउट अल्कोहल’ लिखे बड़े बोर्ड से भी पहचाना जा सकता है. संग्रहालय के अंदर चार कमरों में एग्जीबीशन के लिए पुराने मिट्टी के बर्तन रखे गए हैं. 16 वीं शताब्दी के माप उपकरण भी हैं, जो फेनी देते समय इस्तेमाल किए जाते थे. इसके अलावा एक प्राचीन लकड़ी का शॉट डिस्पेंसर भी मौजूद है.
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