कोविड टास्क फोर्स के चीफ डॉ. वीके पॉल ने रविवार को बच्चों के वैक्सीनेशन, वैक्सीन की सप्लाई और कोरोना के खतरे पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सरकार वैज्ञानिक तर्क के साथ-साथ बच्चों के लिए उपलब्ध वैक्सीन की सप्लाई की स्थिति के आधार पर कोई फैसला लेगी। पॉल ने कहा कि हम जानते हैं कई देशों में किशोरों और बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हो गई है। उन्होंने आगाह किया कि भले ही कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है और दूसरी लहर कम हो रही है, लेकिन अभी यह कहना सही नहीं होगा कि सबसे बुरा समय खत्म हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई देशों में दो से ज्यादा लहरें आ चुकी हैं।
बच्चों के वैक्सीनेशन : डेडलाइन देना संभव नहीं
डॉ. पॉल के मुताबिक, कोवैक्सिन बड़ों के वैक्सीनेशन प्रोग्राम का हिस्सा है, इसलिए इस जरूरत को पूरा करते हुए बच्चों के वैक्सीनेशन का इंतजाम कैसे किया जाता है, यह भी देखना होगा। उन्होंने कहा कि इन सब को देखते हुए बच्चों का वैक्सीनेशन कब शुरू होगा, इसकी डेडलाइन देना मुमकिन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम में जायडस कैडिला के टीके को शामिल करने की तैयारी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है। इसके लिए पहले से ही ट्रेनिंग दी जा रही है। जल्द ही इसका इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।
पॉल ने कहा कि बच्चे कोरोना के फैलने की चेन का अहम हिस्सा हो सकते हैं। वे बड़ी संख्या में संक्रमित होते हैं। दूसरा पहलू यह है कि बच्चों में कोरोना का संक्रमण बहुत हल्के या बिना लक्षण वाला होता है। एक बार बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो जाएं तो उन्हें भी संक्रमण से बचाया जा सकता है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई राज्यों में बड़े बच्चों के स्कूल फिर से खुल गए हैं।
त्योहारों की वजह से आने वाला समय मुश्किलभरा
यह पूछे जाने पर कि क्या महामारी का सबसे बुरा दौर खत्म हो गया है, पॉल ने कहा कि कोरोना के मामलों की संख्या अब घट रही है और दूसरी लहर अब कम हो रही है, लेकिन यह कहना कि सबसे बुरा समय खत्म हो गया है, सही नहीं होगा, क्योंकि दूसरे देशों में देखा गया है कि वहां दो से ज्यादा लहरें भी आई हैं।
राहत : देश में एक्टिव केस 2 लाख से कम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में कोरोना के 14,146 नए मामले सामने आए हैं। एक्टिव केस घटकर 1.95 लाख रह गए हैं। ये पिछले 220 दिनों में सबसे कम हैं।
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