अल्ट्रा रनर और अल्ट्रा साइकिलिस्ट डॉ. राजेंद्र जयस्वाल ने मार्च 2021 में “दुबई आयरनमैन” 70.3 किताब जिता। यह नागपुर के लोगों के लिए बड़े गर्व की बात थी। लॉक डाउन अवधि के दौरान ड्राइंग रूम में 85 कि. मी. मैं उनके नाम नॉन-स्टॉप दौड़ने का रिकॉर्ड भी है। कुछ अलग करने की जूनून ने डॉ. राजेंद्र को स्वस्थ नहीं बैठने दिया । हाल ही में 9 अक्टूबर 2021 को 100 कि. मी. में ” हेन्नूर बांबू ट्रेल अल्ट्रा मैराथन – बैंगलोर” में पदक जीता।
यह “हेन्नूर बांबू ट्रेल अल्ट्रा मैराथन” बैंगलोर में आयोजित किया गया था। यह एक जंगल ट्रेल है। इसमें आपको जंगल से भागना पड़ता हैं । यह बहुत कठिन रास्ता है। इस जंगल में को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार ये प्राकृतिक रूप से या अन्यरूप से भी हो सकते है। एक तरफ जंगली जानवरों का खौफ भी रहता हैं । ये सब कठिनाईयां पार करके आखिरकार डॉ. राजेंद्र ने अवार्ड जीता ही |
राजेंद्र जयस्वाल के शब्दों में….
“हेन्नूर बांबू ट्रेल अल्ट्रा मैराथन” 9 अक्टूबर, 2021 को बैंगलोर में आयोजित किया गया था। इसमें 3 पड़ाव थे। पहले पड़ाव में 100 कि.मी. था ।,दूसरे पड़ाव में 161 कि. मी. था । और तीसरे पड़ाव में 200 कि.मी का था ।
उस दिन तेज बारिश हो रही थी। खराब मौसम के कारण जंगल के रास्ते कीचड़ भरे और फिसलन भरे थे। जगह-जगह पानी ठहरा हुआ था। चल भी नहीं सकता था,दौड़ना तो दूर की बात थी । वास्तव में, मुझे नहीं पता था कि इस स्थिति से कैसे निपटा जाए। मैं 4 बार फिसला क्योंकि मैं चल नहीं सकता था। मेरे पैरों की त्वचा फटी हुई थी और कई घाव / छाले और जोड़ों में दर्द था और आज भी ये पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं। अंत में, मैंने 24 घंटे में 100 किमी की दूरी तय की। इसमें मैंने मेडल भी जीता ।
मैने जैसे ही दूसरा पड़ाव 161 कि.मी. के लिए चालू किया तब मुझे १३५ किमी पर ही रुकना पड़ा| मेरे पैरों के घावों में असहनीय दर्द के कारण मुझे चला ही नहीं जा रहा था| मुझे बहोत घांव लगे थे | मुझे आखिर रुकना ही पड़ा |135 कि.मी. लगभग 32 घंटे तक दौड़ना मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास था। यात्रा कठिन थी, लेकिन मुझे जो मार्गदर्शन मिला वह अमूल्य था। मेरी सफलता का श्रेय मेरे गुरु और प्रशिक्षक डॉ. अमित समर्थ को समर्पित करता हूँ । मेरी पत्नी विनीता, और मेरी दोस्त डॉ. सुनीता धोटे जिन्होंने समय-समय पर मेरी मदद की और मुझे प्रोत्साहित किया उसके लिए मैं उनके प्रोत्साहन के लिए विशेष धन्यवाद देता हूँ|
- राजेंद्र जयस्वाल ने दिसंबर 2019 में बहरीन आयरनमैन 70.3 में भी पदक जीता था।
- उन्होंने 12.5 घंटे तक तिरंगे को हाथ में पकड़कर 81 कि.मी की दूरी तय की। नॉन-स्टॉप रनिंग वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया है।
- लॉक डाउन अवधि के दौरान ड्राइंग रूम में 85 कि.मी. मैं उनके नाम नॉन-स्टॉप दौड़ने का रिकॉर्ड भी है।
- उन्होंने 100 किमी और 161 किमी ट्रायल रन दौड़ में भी पदक जीते हैं।
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