नई दिल्ली ब्यूरो : पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान को लोगों ने काफी स्वीकार किया है। इसका असर भारत के छोटे उद्यमियों को फायदे की शक्ल में सामने आया है। वहीं आत्मनिर्भर भारत से चीन को भी तगड़ी चोट लगी है। दरअसल बाजारों में चीनी सामानों के बहिष्कार का ऐलान किया गया है। इससे इस त्योहारी सीजन में चीनी सामानों को बड़ा नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अनुसार घरेलू बाजारों में चीन के उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है, जिससे चीनी निर्यातकों को 50,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हो सकता है।
भारतीय कारोबारियों को फायदा इस सीजन में भारत में चीन के पटाखों और अन्य सस्ते त्योहारी प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया जा रहा है। इससे सीधे सीधे भारत के घरेलू कारोबारियों और उद्योगों को फायदा होगा। सीएआईटी ने जो बयान जारी किया है उसमें कहा गया है कि त्योहारी सीजन से पहले देश भर के बाजारों में ग्राहकों की संख्या में भारी वृद्धि दिख रही है। इससे भारत की घरेलू बिक्री में तगड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को 2 लाख करोड़ रु का लाभ सीएआईटी ने कहा है कि दिवाली सीजन में उपभोक्ता खर्च के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रु आ सकते हैं। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सीएआईटी ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार की बात कही है। जबकि भारतीय व्यापारियों द्वारा चीनी सामानों का आयात रोकने से चीन को लगभग 50,000 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है।
बड़े शहरों में चीनी सामानों की मांग कम एक रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में बड़े शहरों के बाजारों में एक बड़ा बदलाव देखा गया। देश के प्रमुख शहरों में चीनी उत्पादों को खरीदने में लोगों की रुचि नहीं दिख रही है। इससे भारतीय सामानों और कारोबारियों का फायदा बढ़ने की संभावना है। सीएआईटी ने 20 शहरों में एक सर्वे किया, जिसमें पता लगा कि भारतीय व्यापारियों या आयातकों ने चीनी एक्सपोर्टर्स को दिवाली के सामान का कोई ऑर्डर नहीं दिया है।
जिन 20 शहरों में सीएआईटी ने सर्वे किया है, उनमें नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू शामिल हैं।
राखी से हर साल नव वर्ष तक के पांच महीने के त्योहारी सीजन के दौरान भारतीय व्यापारी और निर्यातक चीन से भारी आयात कर सकते हैं। आम तौर पर यह आयात लगभग 70,000 करोड़ रुपये के सामान का रहता है। पर इस बार पहले राखी के दौरान चीन को 5,000 करोड़ रुपये और फिर गणुश चतुर्थी पर 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में यूनियन कैबिनेट ने एक रोजगार योजना के लिए 22,810 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इसका उद्देश्य कंपनियों को नए सिरे से भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित करना था। तब कहा गया था कि आत्मनिर्भर भारत योजना योजना के तहत सरकार दो साल तक नए लोगों की भर्ती पर कर्मचारियों और कंपनियों की तरफ से रिटायरमेंट फंड में योगदान करेगी। इस स्कीम पर 2023 तक 22810 करोड़ रु का खर्च आएगा और इससे 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
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