स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में आयोजित COP26 लीडर्स इवेंट के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी पर अपनी बात रखी। ‘एक्सेलरेटिंग क्लीन टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डेवलपमेंट’ प्रोग्राम में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा- एक सूर्य, एक विश्व और एक ग्रिड की कल्पना को अगर हम साकार कर पाते हैं तो इससे सोलर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जरा सोचिए, इससे कार्बन एमिशन कितना कम होगा और हम क्लीन और ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ सकेंगे। इससे देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा। जीवाश्म के ईंधन से कुछ देशों को फायदा जरूर हो सकता है, लेकिन इससे दुनिया को बहुत नुकसान होगा। इससे भौगोलिक तौर पर भी दिक्कतें बढ़ेंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा- ग्रीन ग्रिड की मेरी कई सालों पुरानी परिकल्पना को आज अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और ब्रिटेन के ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव से एक ठोस रूप मिला है। औद्योगिक क्रांति को जीवाश्म ईंधन ने ऊर्जा दी थी। जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल से कई देश समृद्ध तो हुए, लेकिन हमारी धरती, हमारा पर्यावरण निर्धन हो गए। जीवाश्म ईंधन की होड़ ने भू-राजनीतिक तनाव भी पैदा किए, लेकिन आज तकनीक ने हमें एक बेहतरीन विकल्प दिया है।
Had an excellent meeting with @BillGates at the @COP26 Summit. We discussed a wide range of subjects including ways to strengthen global efforts towards overcoming climate change. pic.twitter.com/aUlQjRU45W
— Narendra Modi (@narendramodi) November 2, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा- पृथ्वी पर जब से जीवन उत्पन्न हुआ, तभी से सभी प्राणियों का जीवन चक्र, उनकी दिनचर्या सूर्य के उदय और अस्त से जुड़ी रही है। जब तक यह प्राकृतिक कनेक्शन बना रहा तब तक हमारा ग्रह भी स्वस्थ रहा, लेकिन आधुनिक काल में मनुष्य ने सूर्य द्वारा स्थापित चक्र से आगे निकलने की होड़ में प्राकृतिक संतुलन से छेड़छाड़ की और अपने पर्यावरण का बड़ा नुकसान भी कर लिया।
प्रधानमंत्री ने इस समय कहा- अगर हमें फिर से प्रकृति के साथ संतुलित जीवन का संबंध स्थापित करना है तो इसका रास्ता हमारे सूर्य से ही प्रकाशित होगा। इस रचनात्मक पहल से कार्बन फुटप्रिंट और ऊर्जा की लागत तो कम होगी ही, अलग-अलग क्षेत्रों और देशों के बीच सहयोग का एक नया मार्ग भी खुलेगा।
प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि मुझे पूरा विश्वास है कि वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड और ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव के सामंजस्य से एक संयुक्त और सुदृढ़ वैश्विक ग्रिड का विकास हो पाएगा। चुनौती सिर्फ इतनी है कि सौर ऊर्जा सिर्फ दिन में ही उपलब्ध है और मौसम पर ही निर्भर है। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड इसी चुनौती का हल है। एक वर्ल्ड वाइड ग्रिड से क्लीन एनर्जी हर जगह, हर समय मिल पाएगी, इससे स्टोरेज की आवश्यकता भी कम होगी और सोलर प्रोजेक्ट की जरूरत भी बढ़ेगी। मानवता के भविष्य को बचाने के लिए हमें फिर से सूरज के साथ चलना होगा। जितनी ऊर्जा पूरी मानव जाति सालभर में उपयोग करती है, उतनी ऊर्जा सूर्य एक घंटे में धरती को देता है। ये अपार ऊर्जा पूरी तरह स्वच्छ और सतत है।
हमारी स्पेस एजेंसी इसरो विश्व को एक सोलर कैलकुलेटर एप्लिकेशन देने जा रही है। इससे सैटेलाइट डेटा के आधार पर विश्व की किसी भी जगह की सोलर पावर पोटेनशियल मापी जा सकेगी। ये एप्लिकेशन सोलर प्रोजेक्ट का लोकेशन तय करने में उपयोगी होगा और इससे वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड को मजबूती मिलेगी।
Departing from Glasgow after two days of intense discussions about the future of our planet. India has not only exceeded the Paris commitments but has now also set an ambitious agenda for the next 50 years.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 2, 2021
भारत के लिए रवाना हुए प्रधानमंत्री
इटली और ब्रिटेन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा को समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। इन पांच दिनों में उन्होंने G20 शिखर सम्मेलन और COP26 बैठक में भाग लिया। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। G20 शिखर सम्मेलन रोम में हुआ और COP26 ग्लासगो में आयोजित किया जा रहा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हज 2022 की घोषणा की