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संसद का विंटर सेशन | मोदी बोले- सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार

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कृषि कानूनों पर सोनिया-राहुल समेत कांग्रेस का धरना

संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक दलों से शांति और मर्यादा बनाए रखने की अपील की। PM ने कहा कि संसद में सवाल हो, लेकिन शांति भी बनी रहे। हमारी पहचान इस बात से हो कि हमने सदन में कितने घंटे काम किया, न कि इस बात से कि सदन में किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका। प्रधानमंत्री का इशारा विपक्ष के हंगामे की तरफ था।

इधर, कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर कांग्रेस ने संसद परिसर में धरना दिया। इसमें कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल समेत पार्टी नेता शामिल हुए। आज ही संसद में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कृषि कानून वापसी बिल पेश करेंगे, जिसे लेकर सांसदों को भेजे गए संसदीय नोट की भाषा पर विवाद खड़ा हो चुका है।

कार्यवाही को लेकर प्रधानमंत्री के संदेश

1. मोदी ने कहा, “हमने देखा कि पिछले दिनों संविधान दिवस भी नए संकल्प के साथ संविधान की आत्मा को चरितार्थ करने के लिए सभी के दायित्व के संबंध में पूरे देश ने संकल्प किया है। इन सबको देखते हुए हम चाहेंगे, देश भी चाहेगा, हर नागरिक चाहेगा कि ये संसद सत्र और आगे आने वाला सत्र आजादी के दीवानों की भावना और अमृत महोत्सव की भावना के लिहाज से संसद भी देश हित में चर्चा करे।”

2. प्रधानमंत्री ने कहा कि आशा करता हूं कि भविष्य में संसद को कैसा चलाया, कितना अच्छा योगदान किया इस तराजू पर तौला जाए। किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका, ये मानदंड नहीं होगा। ये मानदंड होगा कि संसद में कितने घंटे काम हुआ। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा और सवाल का जवाब देने को तैयार है। संसद में सवाल भी हो और शांति भी हो।

3. “सरकार के खिलाफ, नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए वो हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, चेयर की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें, जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए।”

4. उन्होंने कहा कि नए वैरिएंट की खबरें भी हमें और सतर्क, सजग करती हैं। मैं संसद के सभी साथियों को सतर्क रहने की प्रार्थना करता हूं। सत्र में देशहित के निर्णय तेजी से और मिलजुलकर करें।

इस सत्र में 25 बिल और पेश करेगी सरकार

केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापसी बिल के अलावा 25 अन्य बिल भी 23 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन संसदीय सत्र के दौरान पेश करने की तैयारी की हुई है, जिनमें सबसे अहम बिल प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने से जुड़ा हुआ है। हालांकि सरकार खुद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को डिजिटल करेंसी उतारने की इजाजत दे रही है।इसके अलावा शीतकालीन सत्र के दौरान पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 पर संसद की जॉइंट कमेटी की रिपोर्ट भी सदन में टेबल की जाएगी।