यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। इस संकट को हल करने की डिप्लोमैटिक कोशिशें भी जारी हैं। यूक्रेन संकट पर यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल (UNHRC) ने इमरजेंसी डिबेट का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विपक्ष में 5 वोट पड़े। भारत समेत 13 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। UNHRC में कुल 47 सदस्य हैं।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के विशेष सत्र में रूस और यूक्रेन के डिप्लोमैट ने एक दूसरे पर निशाना साधा। यूक्रेनी डिप्लोमैट सर्गेई किस्लिट्सिया ने कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचता है, तो संयुक्त राष्ट्र भी नहीं बचेगा।
रूस के प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने UN में कहा कि कीव के नागरिक शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी परेशानी के राजधानी छोड़कर जा सकते हैं। रूसी ऑपरेशन किसी महत्वपूर्ण सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रभावित नहीं करता है। मौजूदा परेशानी यूक्रेन की वजह से उपजी है।
दूसरी तरफ अमेरिका ने रूस के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उसके 12 डिप्लोमैट को अपने यहां से निकाल दिया है। अमेरिका का कहना है कि गैर-राजनयिक ‘गतिविधियों’ के कारण UN के 12 रूसी डिप्लोमैट को निकाला गया है।