वित्तमंत्रालय ने माधबी पुरी बुच को सेबी का नया चेयरपर्सन बनाया है। यह नियुक्ति शुरुआत में 3 साल के लिए है। वे अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 के दौरान होलटाइम मेंबर थीं।
सेबी के वर्तमान चेयरमैन अजय त्यागी का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है। रेगुलेटर चीफ के लिए पूर्व वित्त सचिव देबाशीष पांडा भी लाइन में थे। माधबी पुरी बुच मार्केट रेगुलेटर सेबी के टॉप पोस्ट पर पहुंचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। वे होलटाइम डायरेक्टर बनने वाली भी पहली महिला हैं और प्राइवेट सेक्टर से सेबी चेयरपर्सन तक पहुंचने वाली भी पहली अधिकारी हैं।
बुच ने अपना करियर देश में निजी सेक्टर के बड़े बैंक ICICI बैंक से 1989 में शुरू किया था। 2007 से 2009 तक ICICI बैंक में कार्यकारी निदेशक थीं। वे 2009 फरवरी से मई 2011 तक ICICI सिक्योरिटीज की MD एवं CEO थीं। 2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां उन्होंने ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया।
उनके पास सेबी में सर्विलांस, कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम, इकोनॉमिक और पॉलिसी एनालिसिस, इन्वेस्टर असिस्टेंस एंड एजुकेशन और इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी थी। सेबी में होलटाइम मेंबर के कार्यकाल के बाद बुच सात सदस्यों वाले एक्सपर्ट ग्रुप की प्रमुख थीं।
माधबी पुरी बुच बहुत ही सख्त स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद से MBA की डिग्री हासिल कीं। उसके पहले दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से उन्होंने प़ढ़ाई की थी। वित्तमंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में इस पद के लिए आवेदन मंगाया था जिसे भेजने की अंतिम तारीख 6 दिसंबर थी।
माधबी के पास फाइनेंशियल सेक्टर में 30 सालों का लंबा अनुभव है और वे सेबी की तमाम कमेटियों में पहले भी रह चुकी हैं। वे अभी इसकी एडवाइजरी कमिटी में भी थीं।
अभी के चेयरमैन अजय त्यागी 1984 बैक के हिमाचल प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। वे 1 मार्च 2017 को 3 साल के लिए चेयरमैन बने थे और फिर उन्हें 6 महीने का सेवा विस्तार मिला था। इसके बाद अगस्त 2020 में 18 महीने का वापस उनका कार्यकाल बढाया गया था। सेबी में डी. आर मेहता के बाद यूके सिन्हा सबसे लंबे समय तक चेयरमैन रहे। उनको भी तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था।