नागपुर ब्यूरो: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, नागपुर में भारत की आजादी के 75वें वर्ष अर्थात आजादी का अमृत महोत्सव की कार्यशाला का आयोजन बैठक कक्ष, रा.सा.का. (क्षे.सं.प्र.), क्षेत्रीय कार्यालय, सी.जी.ओ. कॉम्प्लेक्स, ए ब्लॉक, तीसरी मंजिल सेमिनरी हिल्स, नागपुर में गुरुवार, 3 मार्च को किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन , रा.सा.का.(क्षे.सं.प्र.), आंचलिक कार्यालय, नागपुर के उप महानिदेशक राजेंद्र सी. गौतम ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
आंचलिक कार्यालय, नागपुर के निदेशक श्रीनिवास उप्पला द्वारा उपस्थित मान्यवरों एवं विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। अपने स्वागतीय भाषण में उन्होंने सभी आगंतुकों से आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के उद्देश्य साझा किया। उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 12 मार्च 2021 को दांडी यात्रा से हुई। उन्होंने बताया कि हमारे कार्यालय ने आजादी का अमृत महोत्सव की कार्यशाला/संगोष्ठी का आयोजन कई गांवों में किया तथा कार्यालय के काम के योगदान के बारे में लोगों को जागरूक किया। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, महाराष्ट्र शासन, नागपुर के संयुक्त निदेशक के.वी. फिरके ने सभी आगंतुकों को आजादी के महत्व के बारे में बताया और कहा कि देश के सभी नागरिकों को देश के विकास के लिए बढ़ चढ़कर योगदान देना चाहिए। कार्यशाला में उपस्थित रा.सा.का. (आं.गु.आ.वि), नागपुर के उप महानिदेशक जुनैद फारुकी ने अपने भाषण में कहा कि डिजिटलीकरण हो जाने के कारण आंकड़ों के संग्रहण और प्रसंस्करण में बहुत सुधार हुआ है और समय की बचत भी होती है।
आंचलिक कार्यालय, नागपुर के उप महानिदेशक राजेंद्र सी. गौतम ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था में तीव्र विकास की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि सर्वेक्षण कार्यों में अनेक प्रकार की कठिनाइयां आती हैं जिन्हें बौद्धिक सूझबूझ से दूर किया जा सकता है। कार्यशाला के मुख्य अतिथि पूर्व अपर महानिदेशक (सेवानिवृत्त भा.सां.से. अधिकारी) टी.के. बसु ने अपने भाषण में कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने में देश के नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा प्रदत्त आंकड़ों का स्वतंत्र भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। साथ-ही उन्होंने इस कार्यालय द्वारा होने वाले विभिन्न सर्वेक्षणों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषताओं और उसके उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
हिसलॉप कॉलेज, नागपुर की विभागाध्यक्ष (सांख्यिकीय) डॉ. ज्योति शिवलकर ने कार्यशाला में सरकारी सर्वेक्षण में सार्वजनिक सहयोग का महत्व के बारे में व्याख्यान दिया। रा.सा.का.(आँ.गु.आ.वि), नागपुर के संयुक्त निदेशक संतोष पी.के. ने अपने व्याख्यान में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के सर्वेक्षणों में आंकड़ों की गुणवत्ता के बारे में बताया। हिस्लॉप कॉलेज, नागपुर के विभागाध्यक्ष (वाणिज्य) डॉ. हरिओम पुनियानी ने इस कार्यशाला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में नागरिकों की भूमिका के बारे में बताया। कार्यशाला में नागपुर विश्वविद्यालय से विभिन्न महाविद्यालयों से छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया था। कायार्शाला में प्रश्नमंच का आयोजन भी किया गया। रा.सा.का.(क्षे.सं.प्र.), आंचलिक कार्यालय, नागपुर के निदेशक श्रीनिवास उप्पला कार्यशाला के संयोजक थे। मंच संचालन राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय(क्षेत्र संकार्य प्रभाग), आंचलिक कार्यालय, नागपुर के वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी अनूप कुमार भड़ांगे एवं आभार प्रदर्शन वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी एनी इलियस ने किया।