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‘ऑपरेशन गंगा’ के पहले विदेशी जमीन पर ये बड़े रेस्क्यू मिशन चला चुका है भारत

वार जोन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए लॉन्च किए गए मिशन का नाम ‘ऑपरेशन गंगा’ दिया गया है. भारत पहले भी ऐसे कई ऑपरेशन चला चुका है और अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित वापस ले आता है.


नई दिल्ली ब्यूरो : यूक्रेन पर रूस की ओर से लगातार हमले के बीच फंसे लगभग 20,000 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने का काम भारत सरकार और उनके मंत्रियों नें बखूबी किया है. युद्ध क्षेत्र (War Zone) में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए लॉन्च किए गए मिशन का नाम ‘ऑपरेशन गंगा’ दिया गया है.

इस मिशन के तहत भारत सरकार के तकरीबन 12 से अधिक मंत्री, एयरफोर्स, NDRF, एयर इंडिया सहित कई कॉमर्शियल फ्लाइटस के जरिए यूक्रेन में फसे भारतीयों को हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया, मॉल्डोवा और पोलैंड के रास्ते भारत लाया जा रहा है. भारत सरकार इस मिशन के तहत न सिर्फ लोगों को सुरक्षित निकाल रही है साथ ही दवाओं, खाना और जरूरी सामान की व्यवस्था भी विदेशी जमीन पर कर रही है. जैसे -जैसे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का दायरा बढ़ रहा है वैसे-वैसे इस मिशन में तेजी लाई जा रही है.

इस चुनौती पूर्ण ‘ऑफरेशन गंगा’ के तहत भारत सरकार अब तक 18,000 स्टूडेंट्स को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाब रही है और इसी सफलता को देखते हुए भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने भी अपने लोगों को सुरक्षित लाने के लिए मदद मांगी है. जब भी कभी विदेशी जमीन पर भारतीय लोगों पर मुसीबत आई है तब- तब भारत ने कई बड़े मिशन लॉन्च कर लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है.

कब-कब चलाए भारत ने विदेशी जमीन पर बड़े रेस्क्यू मिशन

वंदे भारत (2020)
कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों द्वारा ट्रेवल बैन के बाद विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ‘वंदे भारत मिशन’ चलाया और इस मिशन के तहत कई चरणों में 30 अप्रैल, 2021 तक लगभग 60 लाख भारतीय वापस अपने देश पहुंचे.

ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020)
कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों को विदेशों से घर वापस लाने के लिए इंडियन नेवी द्वारा ये अभियान चलाया गया था. इसके तहत 3,992 भारतीय लोगों को समुद्र के रास्ते भारत लाया गया था. जिसके लिए भारतीय नेवी के जहाज (लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक), ऐरावत, शार्दुल ने इस ऑपरेशन में भाग लिया, जो 55 दिनों तक चला.

ब्रसेल्स से निकासी (2016)
मार्च 2016 में बेल्जियम जेवेंटेम में ब्रसेल्स हवाई अड्डे पर और मध्य ब्रुसेल्स में मालबीक मेट्रो स्टेशन पर एक आतंकवादी हमले के बाद इसके तहत जेट एयरवेज की फ्लाइट से 28 क्रू मेंबर्स समेत कुल 242 भारतीयों को भारत सुरक्षित भारत लाया गया.

ऑपरेशन राहत (2015)
2015 में ही यमन में सऊदी के मिलिट्री इंटरवेंशन के दौरान भारतीय सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राहत’ के अंतर्गत यमन से 41 देशों के 960 विदेशी नागरिकों के साथ 4640 से अधिक भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया था. यह अभियान हवाई और समुद्री दोनों रास्ते के जरिए पूरा किया गया था.

ऑपरेशन मैत्री (2015)
2015 में नेपाल में आए भूकंप के बाद बचाव और राहत अभियान के लिए भारत सरकार और भारतीय सेना ने ऑपरेशन ‘मैत्री’ को लॉन्च किया. इस अभियान के तहत 5,188 लोगों को निकाला गया था और लगभग 785 विदेशी पर्यटकों को ट्रांजिट वीजा देकर भारत में आने की परमिशन भी दी.

ऑपरेशन सुरक्षित घर वापसी (2011)
भारत सरकार ने 26 फरवरी, 2011 को लीबियाई सिविल वॉर में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ऑपरेशन शुरू किया था. ‘सुरक्षित घर वापसी’ ऑपरेशन में लगभग 15,000 भारतीय लोगों को नेवी और एयर इंडिया की मदद से वापस देश पहुंचाया.

ऑपरेशन सुकून (2006)
जुलाई 2006 में जैसे ही इजरायल और लेबनान में युद्ध की स्थिति बनी तो, भारत और पड़ोसी देश नेपाल और श्रीलंका के फंसे लोगों को सुरक्षित देश वापस लाने के लिए टास्क फोर्स ने 19 जुलाई और 1 अगस्त, 2006 के बीच ऑपरेशन ‘सुकून’ के तहत 2,280 लोगों को बचाया.

कुवैत एयरलिफ्ट (1990)
साल 1990 में जब 700 टैंकों से लैस 1,00,000 इराकी सैनिकों ने कुवैत पर हमला किया तब भारत सरकार ने कुवैत में फंसे 1,70,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को वहां से निकलने का अभियान शुरू किया. इस मिशन के तहत 1,70,000 से अधिक भारतीयों को सिविल प्लेन से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित भारत वापस लाया गया था.