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#Maha_Metro | सिटी की दिशा और दशा बदल देने वाला ट्रांसपोर्ट है मेट्रो ट्रेन

जीरो माइल मेट्रो स्टेशन फ्रीडम पार्क में सत्कार के जवाब में डॉ. समर्थ का कथन

नागपुर ब्यूरो : चेन्नई से नागपुर पहुँचे साइकिल यात्री डॉ. अमित समर्थ का जीरो माइल फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन परिसर में अगवानी कर उनका महामेट्रो व मित्र परिवार की ओर से स्नेहिल सत्कार किया गया। डॉ. समर्थ 13 मार्च को रात 11 बजे चेन्नई से साइकिल द्वारा रवाना हुए थे तथा वे मंगलवार 15 मार्च को रात 8 बजे के दरमियान फ्रीडम पार्क पहुँचे। उनके स्वागत के लिए सीआरपीएफ के बैंड ने देशभक्ति धुन प्रस्तुत की। 44 घंटे 34 मिनट तक साइकिलिंग कर 1131 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले डॉ. अमित समर्थ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम हफ्ते में दो बार साइकिल चलाना चाहिए। नागपुर शहर यूरोपियन कंट्री जैसा स्वरूप धारण कर चुका है और यह केवल मेट्रो परियोजना के साकार होने से ही संभव हो सका है। उन्होंने प्रत्येक नागरिकों व छात्रों से मेट्रो का अधिकाधिक उपयोग करने का आह्वान किया।

नागपुर सिटी की दिशा और दशा बदलने में मेट्रो की अहम भूमिका होने का उल्लेख करते हुए साइकिल यात्री डॉ. समर्थ ने कहा कि यातायात नियम और स्वच्छता की दिशा में यदि हम और जागरूक हुए तो हमारे शहर का स्वरूप निश्चित ही यूरोपियन शहरों जैसा हो जाएगा। साइकिल और बाइक चलाते समय हेलमेट का उपयोग करने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि साइकिल और मेट्रो का उपयोग करने पर यातायात नियमों की कम ही आवश्यकता पड़ेगी। शहर में साइकिल सवारों के लिए अलग ट्रैक बनाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में महामेट्रो को वरिष्ठ अधिकारी श्री महेश गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक स्टेशन पर साइकिल की व्यवस्था की गई है ताकि यात्री आसानी से इसका उपयोग कर सके। मेट्रो में साइकिल ले जाने की भी छूट दी गई है। गुप्ता ने कहा कि यात्रियों के हित में महामेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. ब्रजेश दीक्षित और मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. के संयुक्त प्रयासों से डॉ. समर्थ द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल किया जा रहा है !

चर्चा के दौरान डॉ. समर्थ ने पालकों को सुझाव दिया कि वे अपने बच्चों को खेल के प्रति निश्चित रूप से प्रोत्साहित करें। अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे साइकिल के प्रति लगाव होने की प्रेरणा फिल्म “जो जीता वही सिकंदर’ से मिली। एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान भी मैं साइकिल से ही सफर करता था। चेन्नई से नागपुर तक के सफर में भीषण गर्मी बाधक होने का जिक्र करते हुए डॉ. समर्थ ने कहा कि मेरे सहयोगियों के कारण ही मैं यहॉं तक सकुशल पहुँचा हूँ।