नागपुर ब्यूरो : विश्व गौरैया दिवस के उपलक्ष मे नागपुर शहर के सरदार पटेल युवक मंडल की और से गौरैया के घोसले और पक्षियों को पानी के लिए मिट्टी के पाॅटस् का वितरण किया गया. इस समय सरदार पटेल युवक मंडल के अध्यक्ष उमेश पटेल और अन्य पदाधिकारी प्रमुखता से उपस्थित थे. उल्लेखनीय है कि हर साल सरदार पटेल युवक मंडल की और से पक्षियों के रहने के लिए इको फ्रेंडली घोसले और पानी के पॉट्स बांटे जाते है.
इस समय सरदार पटेल युवक मंडल के अध्यक्ष उमेश पटेल ने बताया कि गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है. यह पासेराडेई परिवार का हिस्सा है. विश्व के विभिन्न देशों में यह पाई जाती है. यह लगभग 15 सेंटीमीटर के होती है मतलब बहुत ही छोटी होती है. शहरों के मुकाबलों गांवों में रहना इसे अधिक सुहाता है. इसका अधिकतम वजन 32 ग्राम तक होता है. यह कीड़े और अनाज खाकर अपना जीवनयापन करती है.
उमेश पटेल ने कहा- गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है. इसकी ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं. गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है. गौरैया अनाज और कीड़े खाकर जीवनयापन करती है. शहरों की तुलना में गांवों में रहना इसे ज्यादा पसंद है.
उमेश पटेल ने बताया, इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस 2022 की थीम ‘आई लव स्पैरो’ (I Love Sparrow) है. विश्व गौरैया दिवस मनाने का एक उद्देश्य यह भी है कि हमारे युवाओं प्रकृति के प्रति उत्साही, लोगों को गौरैया से प्रेम करने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
उन्होंने कहा- विश्व गौरैया दिवस को मनाने की शुरुआत भारत के नासिक में रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयत्नों से हुई. दिलावर द्वारा गौरैया संरक्षण के लिए नेचर फॉर सोसाइटी नामक एक संस्था शुरू की गई थी. पहली बार विश्व गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था. प्रतिवर्ष पिछले दस सालों से 20 मार्च अर्थात गौरैया दिवस पर उन लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है जो पर्यावरण एवं गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं.