Home Social गुड फ्राइडे आज, जानें क्या है इस दिन का महत्व और इतिहास

गुड फ्राइडे आज, जानें क्या है इस दिन का महत्व और इतिहास

आज 15 अप्रैल को ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. ईसाई धर्म के लोग इस त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान यीशु मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे. इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईशु के बलिदान को याद करते हैं. इस दिन को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है. इस दिन ईसाई धर्म के लोग यीशु मसीह के क्रूस को याद करते हैं. ये दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद ही खास होता है. गुड फ्राइडे के अवसर पर लोग गिरिजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं. कई लोग प्रभु ईशु की याद में उपवास करते हैं और उपवास के बाद मीठी रोटी बनाकर खाते हैं. ऐसी मान्यता है कि फ्राइडे के दिन कू्रस पर चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन यीशु मसीह पुन: जीवित हो गए थे, इसी कि खुशी में ईस्टर संडे मनाने की परंपरा है. आज गुड फ्राइडे के मौके पर जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और कुछ विशेष बाते…

ईसाई समुदाय का पर्व गुड फ्राइडे ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को होता है. वर्ष 2022 में ईस्टर संडे 17 अप्रैल को है. ऐसे में गुड फ्राइडे 15 अप्रैल को मनाया जा रहा है.

गुड फ्राइडे को मनाने के पीछे की मान्यता यह है कि लगभग दो हजार साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह लोगों को एकता, अंहिसा और मानवता का उपदेश देते थे. उस दौरान लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे थे. लेकिन कुछ लोग ईसा मसीह से चिढ़ते थे. ऐसे लोग धार्मिक अंधविश्वास को फैलाने में विश्वास रखते थे.
उन लोगों ने ईसा मसीह की शिकायत रोम के शास पिलातुस से कर दी, जो खुद को ईश्वर का पुत्र बताया करते थे. ईसा मसीह पर धर्म अवमानना और राजद्रोह का आरोप लगा. ईसा मसीह को मृत्युदंड का फरमान सुना दिया गया. उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया और चाबुक से मारा गया. इसके बाद उन्हें कीलों की मदद से सूली पर लटका दिया गया. बाइबल के मुताबिक, जिस सूली पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया था, उसे गोल गाथा कहा जाता है.
जिस दिन ईसा मसीह पर आरोप लगाकर उन्हें सूली पर चढ़ाने की सजा दी गई और उनकी मौत हुई, उस दिन को हर साल गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है. हालांकि इस दिन को ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है. इस दिन को गुड फ्राइडे कहने का कारण था कि लोग इसे एक पवित्र दिन मनाते हैं. लोग ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हैं. चर्च में सेवा करके उन पलों को याद करते हैं जब यीशु ने मानव सेवा के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे.