हनुमान जयंती आज है। हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती देश में अलग-अलग महीनों में मनाई जाती है, लेकिन ये पर्व उत्तर भारत में ज्यादातर जगहों पर चैत्र महीने की पूर्णिमा पर ही मनाते हैं। हनुमान जी की आयु एक कल्प यानी 4.32 अरब साल होने के कारण वे अमर हैं और रुद्रावतार माने जाते हैं।
हनुमान जयंती पर व्रत-पूजा से हर तरह के दोष और दुख खत्म होते हैं। कलियुग में हनुमान जी की पूजा प्रत्यक्ष देवता के रूप में होती है। यानी इनकी पूजा का फल जल्दी मिल जाता है। इनकी पूजा और व्रत से शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही आर्थिक हालत भी सुधर जाती है। हनुमान जी की पूजा से कानूनी मामलों में जीत मिलती है और कर्ज भी उतर जाता है।
हनुमान जी ब्रह्मचारी के रूप में ही पूजे जाते हैं। इसलिए ग्रंथों में सुबह 4 से रात 9 बजे तक उनकी पूजा का विधान बताया गया है। हनुमानजी का जन्म मेष लग्न में हुआ था। जो कि इस बार सुबह 6 से साढ़े 7 बजे तक रहेगा। इस डेढ़ घंटे के शुभ लग्न मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करने का बहुत महत्व रहेगा।
इस बार हनुमान जयंती पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस पर्व पर गजकेसरी, शंख, विमल और समाधि नाम के चार राजयोग बन रहे हैं। साथ ही रवियोग भी दिनभर रहेगा। वहीं, 31 साल बाद हनुमान जयंती पर शनि अपनी ही राशि यानी मकर में है और शनिवार रहेगा। इससे पहले ऐसा संयोग 1991 में बना था। इस महासंयोग में की गई हनुमान पूजा का फल कई गुना बढ़ जाएगा। डॉ. मिश्र का कहना है कि इस पर्व पर विशेष मनोकामना का संकल्प लेकर पूजा करने से इच्छा पूरी होगी। शुभ योगों में की गई पूजा से रोग, शोक और दोष खत्म होंगे।