आज पूरा देश 74वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है। आज ही के दिन 1950 में देश का संविधान लागू हुआ था और भारत गणतंत्र बना था। इसीलिए हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
26 जनवरी 1950 को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 की जगह भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत का संविधान वैसे तो 26 नवंबर 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था और इसे संविधान सभा की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागू हुआ था संविधान?
ऐसा करने की एक खास वजह थी, दरअसल, 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने देश की पूर्ण आजादी या पूर्ण स्वराज का नारा दिया था। इसी की याद में संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 तक इंतजार किया गया।
दरअसल, 1929 में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पहली बार पूर्ण स्वराज की शपथ ली गई थी। उस अधिवेशन में अंग्रेज सरकार से मांग की गई थी भारत को 26 जनवरी 1930 तक संप्रभु दर्जा दे दिया जाए। फिर 26 जनवरी 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज या स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था।
इसके बाद 15 अगस्त 1947 तक यानी अगले 17 वर्षों तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता रहा। इस दिन के महत्व की वजह से ही 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू किया गया और इसे गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।
राजेंद्र प्रसाद ने फहराया था गणतंत्र दिवस पर पहली बार तिरंगा
भारत के गणतंत्र बनने की घोषणा देश के आखिरी गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालाचारी ने की थी। भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर गणतंत्र बना था और इसके 6 मिनट बाद 10:24 मिनट पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
पहले गणतंत्र दिवस समारोह में राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया।उन्होंने हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में भाषण दिया था। तब से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। इससे एक साल पहले यानी 9 दिसंबर 1946 को तय हुआ कि भारत का अपना संविधान होगा और इसके लिए संविधान सभा बनाई गई थी। 2 साल 11 महीने और 18 दिन तक चली मैराथन बैठकों के बाद संविधान बना और 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने इसे मंजूरी दी, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।