रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ा रहा भारत अब एक प्रमुख डिफेंस एक्सपोर्टर देश के रूप में भी उभर रहा है। भारत में बने रक्षा उत्पादों की पूरी दुनिया में मांग भी बढ़ रही है। हाल ही में भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान LCA तेजस के खरीद के लिए मलेशिया के बाद कई देश आगे आ रहे हैं। इसी क्रम में अर्जेंटीना और मिस्र समेत कई देशों ने रुचि जाहिर की।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के अध्यक्ष सी बी अनंतकृष्णन ने मंगलवार को एयरो इंडिया-2023 के दौरान कहा कि भारत तेजस विमानों की आपूर्ति के लिए अर्जेंटीना और मिस्र दोनों से बातचीत कर रहा है। इससे पहले मलेशिया के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने भी तेजस को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
किसे चाहिए कितने एयरक्राफ्ट?
HAL के अध्यक्ष सी बी अनंतकृष्णन ने कहा कि मिस्र को 20 विमानों की जरूरत है, जबकि अर्जेंटीना ने 15 लड़ाकू विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। तेजस को भारतीय वायु सेना और नौसेना में शामिल किया जा चुका है। हाल ही में LCA नेवी (जो तेजस का ही नाम है) ने INS विक्रांत पर सफल लैंडिंग की थी, जो भारत के स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का अनूठा संगम था।
LCA तेजस
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ओर से डेवलप, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस भारतीय वायु सेना का एक भारतीय मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसमें उच्च प्रदर्शन, एडवांस एविओनिक्स, स्टील्थ फीचर्स और विजुअल रेंज (BVR) से लेकर कई अहम विशेषताएं हैं। फरवरी 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर HAL के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
मलेशिया फाइटर जेट प्रोग्राम प्रतियोगिता में बना था नंबर 1
LCA तेजस ने जुलाई में मलेशिया फाइटर जेट प्रोग्राम प्रतियोगिता को जीता था। इस कम्पटीशन में तेजस ने चीन के जेएफ-17, दक्षिण कोरिया के एफए-50, रूस की तरफ से मिग-35 और याक-130 प्लेन को पछाड़ा था। गौरतलब है कि इससे पहले भी भारत के स्वदेशी हथियारों को विदेशी देशों की पसंद में शामिल हो चुके हैं। इससे पहले भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल फिलीपींस की पहली पसंद बन चुकी है।