मुंबई ब्यूरो: विख्यात भिनेता, निर्माता और निर्देशक सतीश कौशिक का गुरुवार तड़के 66 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया है. उनके करीबी दोस्त, अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट करके उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि अभिनेता अब इस दुनिया में नहीं रहे. इस खबर के बाद पूरी इंडस्ट्री शोक में डूब गई है. हाल ही में अभिनेता ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की थीं, जिनमें वह बॉलीवुड स्टार्स के साथ होली का आनंद उठाते दिखे थे. अब अचानक उनके निधन की खबर ने उनके फैंस को निराश और दुखी कर दिया है.
उन्होंने लिखा, ‘जानता हूं मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है. लेकिन यह बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूंगा, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम!! आपके बिना जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा सतीश! ओम् शांति!‘ निधन से एक दिन पहले सतीश कौशिक ने 7 मार्च को अपने आखिरी ट्वीट में अली फजल, ऋचा चड्ढा, जावेद अख्तर, महिमा चौधरी संग होली की तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिसमें उनके चेहरे पर हमेशा वाली बेफिक्री और मुस्कान दिख रही है. सतीश कौशिक ने ट्वीट में यह भी बताया था कि उन्होंने जुहू के जानकी कुटीर में यह होली खेली थी.
सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल, 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1983 में आई फिल्म ‘मासूम’ से की थी. उन्होंने करीब 4 दशक लंबे अपने करियर में करीब 100 फिल्मों में काम किया. साल 1993 में ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ फिल्म से उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा और करीब डेढ़ दर्जन फिल्में डायरेक्ट की. एक बेहतरीन अभिनेता और निर्देशक होने के साथ ही सतीश कौशिक स्क्रीनप्ले राइटर भी थे. उन्होंने हम आपके दिल में रहते हैं, हमारा दिल आपके पास है, मुझे कुछ कहना है, बधाई हो बधाई, तेरे नाम, क्योंकि, ढोल और कागज जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया. बतौर एक्टर उन्होंने मिस्टर इंडिया, मोहब्बत, जलवा, राम लखन, जमाई राजा, अंदाज, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी, साजन चले ससुराल, दिवाना मस्ताना, परदेसी बाबू, बड़े मियां छोटे मियां, हसीना मान जाएगी, राजा जी, आ अब लौट चलें, हम आपके दिल में रहते हैं, चल मेरे भाई, हद कर दी आपने, दुल्हन हम ले जाएंगे, क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता, गॉड तुस्सी ग्रेट हो और कागज समेत कई फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदायगी का लोहा मनवाया.
सतीश कौशिक का विवाह 1985 में शशि कौशिक से हुआ था. उनके बेटे शानू कौशिक की 1996 में मृत्यु हो गई जब वह सिर्फ 2 साल के थे. 2012 में सरोगेट मां के जरिए उनकी बेटी वंशिका का जन्म हुआ. उन्होंने 1972 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया. वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा एंड फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पूर्व छात्र थे और उन्होंने थिएटर में अपना अभिनय करियर शुरू किया था.
एक रंगमंच अभिनेता के रूप में, उनकी सबसे प्रसिद्ध भूमिका हिंदी भाषा के नाटक, सेल्समैन रामलाल में ‘विली लोमन’ की थी, जो आर्थर मिलर की डेथ ऑफ ए सेल्समैन का रूपांतरण था. उन्होंने कुंदन शाह की कॉमेडी क्लासिक ‘जाने भी दो यारों’ के लिए संवाद लिखे.
अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्वीट किया, ‘इस भयानक खबर से जगी, वह मेरे सबसे बड़े चीयरलीडर थे, एक बहुत ही सफल अभिनेता और निर्देशक. सतीश कौशिक जी व्यक्तिगत रूप से भी बहुत दयालु और सच्चे इंसान थे, मैंने उन्हें इमरजेंसी में निर्देशित करना बहुत अच्छा लगा. उनकी कमी खलेगी, ओम शांति.’