बर्लिन में आयोजित विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारत के युवा तीरंदाज ओजस देवताले और अदिति स्वामी ने गोल्ड पर निशाना लगाकर इतिहास रच दिया। दोनों तीरंदाज अब नए वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं। दोनों ने बर्लिन में देश के लिए पहली बार गोल्ड जीता है। अदित स्वामी महज 17 साल की हैं, जबकि नागपुर के ओजस देवतले की उम्र 21 साल है।
महिला टीम स्पर्धा में भारत के पहले स्वर्ण पदक जीत में योगदान देने के एक दिन बाद ही अदिति ने कमाल किया। वह व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय और सबसे कम उम्र की तीरंदाज बन गईं। उन्होंने एक महीने पहले विश्व युवा चैंपियनशिप अंडर -18 वर्ग में गोल्डन डबल जीता था। वहीं पुरुषों के इंडिविजुअल कंपाउंड इवेंट में ओजस देवतले ने गोल्ड जीतकर ये उपलब्धि हासिल की। देवतले के स्वर्ण के साथ भारत ने तीन स्वर्ण और एक कांस्य के साथ अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
आत्मविश्वास से लबरेज अदिति ने क्वार्टर फाइनल में डच महिला सन्ने डे लाट को 148-148 (शूट-ऑफ: 10*-10, सेंटर के करीब शॉट) से हराया। दूसरी रैंकिंग वाली हमवतन ज्योति सुरेखा को उन्होंने 149-145 से हराया। सेमीफाइनल और फाइनल में मैक्सिकन एंड्रिया बेसेरा को 149-147 (30-29, 30-30, 30-29, 30-29, 29-30) को शिकस्त दी। अदिति ने इस जीत के बाद कहा- मैं एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतना चाहती हूं।
21 साल के नागपुर के ओजस ने फाइनल में पोलैंड के लुकास शिबिल्सकी को कड़े मुकाबले में सिर्फ एक पॉइंट के अंतर से हराते हुए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। फाइनल से पहले ही ओजस ने सेमीफाइनल में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर चुके थे। विश्व रैंकिंग में 34वें स्थान पर मौजूद ओजस ने खिताब के दावेदार और वर्ल्ड नंबर 1 नीदरलैंड्स के माइक श्लोएसर को 149-148 से चौंका दिया था। इसके बाद से ही उनकी जीत का अंदाजा लगने लगा। देवतले ने जीत के बाद कहा- “यह अभ्यास, अभ्यास और सिर्फ अभ्यास का परिणाम है।”