नई दिल्ली ब्यूरो : 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित कार्याक्रम में भारत की सैन्य शक्ति, कला एवं संस्कृति, विविधिता और सरकारी योजनाओं की सफलता की झलक देखने को मिली। इस दौरान अलग-अलग राज्यों की झांकियों को प्रदर्शन किया गया। साथ ही थल सेना, वायुसेना के जांबाजों ने भी करबत दिखाएं। वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने हवा में कलाबाजी दिखाई जिसे देख सब अवाक रह गए साथ ही गौरवान्वित भी महसूस किया।
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कम ऊंचाई पर उड़ने वाले राफेल विमानों ने अपने प्रदर्शन से कर्तव्य पथ के दोनों ओर जमे दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीन सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने जब हवाई कलाबाजी करते हुए इंडिया गेट के ठीक ऊपर त्रिशूल के आकार में अलग होने से पहले 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कर्तव्य पथ पर गर्जना की, तो वहां मौजूद भीड़ अवाक रह गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कई गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में एकत्र हुए लोगों को इन हवाई योद्धाओं के साहस की सराहना करते देखा गया।
राफेल के अलावा इन विमानों ने भी दिखाई कलाबाजी
परेड के अंतिम चरण में राफेल विमान ने सलामी मंच से महज 300 मीटर की ऊंचाई पर ‘विक्ट्री रोल’ का प्रदर्शन किया और फिर लंबवत अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरी। फ्लाईपास्ट में हिस्सा लेने वाले 40 विमानों ने जांबाजी भरे कारनामों से दर्शकों का मन मोह लिया। इन विमानों में राफेल के अलावा सुखोई, जगुआर, डॉनियर, अपाचे हेलीकॉप्टर, सी-17, सी-295 आदि शामिल थे।
लड़ाकू जेट ने बनाई त्रिशूल की आकृति
जैसे ही तीन लड़ाकू जेट इंडिया गेट को पार करते दिखाई दिए, एक सीधे ऊपर की ओर बढ़ गया और दो अन्य विमान दोनों तरफ से दूर हो गए। यह दृश्य त्रिशूल की आकृति बना रहा था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, त्रिशूल भगवान शिव का शस्त्र है। इसे देख लोगों ने गौरवान्वित महसूस किया।