मुंबई : महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में महाराष्ट्र देश भर में चौथे स्थान पर है. जबकि देश का सबसे बड़ा सियासी सूबा उत्तर प्रदेश इस मामले में अव्वल है, पश्चिम बंगाल दूसरे और राजस्थान तीसरे स्थान पर है।लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने शिवसेना (उद्धव) गुट के सांसद अरविंद सावंत के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में देश में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए राज्यवार दोषसिद्ध अभियुक्तों और बरी किए गए आरोपियों की जानकारी दी।
‘क्राइम इन इंडिया’ के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित दर्ज मामले (सीआर) 45,331 थे। इसमें से 1486 दोषसिद्ध मामले (सीओएन) रहे। इस अवधि में दोषमुक्त मामले (सीक्यू) की संख्या 11,309 और महिला अपराध के मामले में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों (पीएआर) की संख्या 40,934 थी। इसमें से दोषी पाए गए व्यक्तियों (पीसीवी) की संख्या 1,776 और दोष मुक्त किए गए व्यक्तियों (पीएक्यू) की संख्या 20,466 रही है।
वर्ष 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित सीआर 39,526, सीओएन 996, सीएक्यू 6043 और पीएआर की संख्या 44,363थी, जबकि पीसीवी की तादाद 1213 और पीएक्यू की संख्या 12,918 थी। वहीं, वर्ष 2020 में महिला अपराध से संबंधित दर्ज 31,954 मामले थे, सीओएन की संख्या 668, सीएक्यू की संख्या 3,655 और पीएआर की तादाद 38,765 थी। वहीं, पीसीवी की संख्या 888 और पीएक्यू की संख्या 8377 रही थी। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश अव्वल है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 में 65,743, वर्ष 2021 में 56,083 और 2020 में 49,385 मामले दर्ज किए गए थे। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल है। वर्ष 2022 में महिलाओं से संबंधित अपराध के 34,738 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2021 में 35,884 और 2020 में 36,439 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि राजस्थान में वर्ष 2022 में 45,058 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2021 में 40,738 और 2020 में 34,535 मामले दर्ज किए गए थे।