नागपुर ब्यूरो : सांसद डॉ. विकास महात्मे के नेतृत्व में धनगर समाज को एसटी प्रवर्ग में आरक्षण देने की मांग को लेकर “ढोल बजाओ आंदोलन” किया गया. आंदोलनकर्ताओं के अनुसार, महाराष्ट्र में धनगर समाज को अनुसूचित जाति प्रवर्ग के तहत आरक्षण देने का मुद्दा बीते 70 सालों से प्रलंबित है. आरक्षण प्राप्त जनजातियों की सूची में धनगर को ‘धनगड़’ शब्द से संबोधित किया गया है, सिर्फ इसी तकनीकी त्रुटि के कारण धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति आरक्षण की सुविधा प्राप्त नहीं हो रही है.
महाराष्ट्रातील धनगर ST आरक्षणाचा मुद्दा गेली ७० वर्षांपासून प्रलंबित आहे.समाजाच्या संयमाचा अंत झालेला आहे. कोरोनाच्या कठीण परिस्थितीतही, काही पर्याय नसल्याने राज्यभर ठिकठिकाणी आज ' *ढोल बजाओ* ' आंदोलन घेण्यात आले. आमदार श्री निरंजनजी डावखरे, श्री संजयजी केळकर, नरेन्द्र पवार pic.twitter.com/OUfSQ8gqrc
— Dr Vikas Mahatme (Modi Ka Parivar) (@MPvikasmahatme) September 25, 2020
सुदूर इलाकों के गांवों में भेड़-बकरी आदि का पालन कर जीवन जीने वाले धनगर समाज के लोग इतने सालों से अन्यायग्रस्त जीवन जी रहे हैं. अब इस समाज का संयम समाप्त हो रहा है. कोरोना की कठिन परिस्थिति के बीच कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है. इसलिए शुक्रवार को धनगरों ने ढोल बजाओ आंदोलन के साथ सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाने का प्रयास किया. सांसद डॉ. विकास महात्मे के आह्वान पर राज्य के विभिन्न जिला स्तर पर राज्य की सभी समितियां और संगठनों ने एकत्र होकर आंदोलन में अपनी उपस्थिति दर्शाई. इसे राज्य भर में समाज की ओर से भरपूर समर्थन मिला. इस आंदोलन को धनगर समाज के अलावा कई संगठनों और संस्थाओं ने भी अपना समर्थन दिया था.
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सांसद डॉ. विकास महात्मे ने ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ढोल बजाओ आंदोलन किया. इस अवसर पर विधायक निरंजन डावखरे, संजय केलकर, पूर्व विधायक व भाजपा भटक्या विमुक्त आघाड़ी के प्रमुख नरेन्द्र पवार ने भी आंदोलन में भाग लिया. कोरोना महामारी के कारण सुरक्षित दूरी के नियमों का पालन करते हुए आंदोलन किया किया गया. इस अवसर पर ज्ञानेश्वर परदेशी, संतोष आव्हाड, अशोक शेलके, राजू बर्गे, निहारिका गोंदले, विशाखा खताल, डॉ. अरुण गावडे, राजेन्द्र पांढरे, अक्षय मासाल, भास्कर यमगर, दीपक कुरकुंडे आदि कार्यकर्ता शामिल हुए. आंदोलन के बाद ठाणे के जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम निवेदन सौंपा गया.
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