रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. डीआरडीओ ने हाल में पूर्वी तट से सुखोई-30 लड़ाकू विमान से एंटी-रेडिएशन मिसाइल (anti radiation missile) ‘रुद्रम’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. उल्लेखनीय है कि इस मिसाइल को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है.
https://www.instagram.com/p/CGK0Jg3n7U6/?utm_source=ig_web_copy_link
पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल
डीआरडीओ ने कहा, ‘रुद्रम भारतीय वायुसेना के लिए बनाई गई देश की पहली स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल है जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है. इस मिसाइल को लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में एकीकृत किया गया है, इसमें लॉन्च स्थितियों के आधार पर अलग-अलग रेंज की क्षमता है.’
https://www.instagram.com/p/CGKCIb9lOJh/?utm_source=ig_web_copy_link
पैसिव होमिंग हेड के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन
डीआरडीओ ने आगे कहा, ‘इसमें अंतिम हमले के लिए पैसिव होमिंग हेड के साथ आईएनएस-जीपीएस नेविगेशन है. ‘रुद्रम’ ने रेडिएशन लक्ष्य को पिनपॉइंट सटीकता से मारा. पैसिव होमिंग हेड एक विस्तृत बैंड पर लक्ष्य का पता लगाने, वर्गीकृत करने और लक्ष्य को इंगेज करने (उलझाने) में सक्षम है.’
किसी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है
भारत में बनाई गई ये अपने आप की पहली मिसाइल है जिसे किसी भी ऊंचाई से दागा जा सकता है. मिसाइल किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ने में सक्षम है। साथ ही अपनी रडार में लाकर ये मिसाइल नष्ट कर सकती है. फिलहाल मिसाइल डेवलेपमेंट ट्रायल में जारी है.
तेजस में भी किया जा सकेगा इस्तेमाल
ट्रायल पूरा होने के बाद जल्द ही इन्हें सुखोई और स्वदेशी विमान तेजस में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. बता दें कि सोमवार को डीआरडीओ ने सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल परीक्षण किया था. डीआरडीओ ने इसका ओडिशा के तटीय इलाके में परीक्षण किया था.
रीडर्स आप आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम को ट्वीटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फॉलो कर रहे हैं ना? …. अबतक ज्वाइन नहीं किया है तो अभी क्लीक कीजिये (ट्वीटर- @aatmnirbharkha1), (इंस्टाग्राम- @aatmnirbharkhabar2020), (फेसबुक- @aatmnirbharkhabar2020) और पाते रहिये हमारे अपडेट्स.