नागपुर ब्यूरो : कांग्रेस के डॉक्टर सेल के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद सालवे की कोशिशें आखिरकार रंग लाई है. ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए और इन इलाकों की लड़कियों को स्वास्थ्य परिचारिका प्रशिक्षण आसानी से उपलब्ध कराने के लिए यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया था. हाल में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार को इसे बंद नहीं करने के निर्देश दिए है. उल्लेखनीय है कि डॉक्टर सालवे लगातार इस पाठ्यक्रम को बंद नहीं करने की मांग करते आ रहे हैं.
उल्लेखनीय है की केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने 19 दिसंबर 2019 को एक परिपत्रक जारी किया था जिसके जरिए यह पाठ्यक्रम अपग्रेड करने की बात की गई थी. इस वजह से महाराष्ट्र के जीएनएम के सभी पाठ्यक्रम बंद होने वाले थे. आदिवासी तथा सुदूर इलाकों में नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही छात्राओं पर इससे संकट मंडराना तय था. इसीलिए डॉक्टर सालवे ने इस मुद्दे को हर प्लेटफार्म पर उठाने की कोशिश की. उन्होंने राज्य सरकार को पत्राचार कर इस पाठ्यक्रम को बंद नहीं करने की जोरदार मांग भी की थी.
उल्लेखनीय है की इस पाठ्यक्रम को जारी रखने के लिए महाराष्ट्र गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन और ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन ने भी कोशिश की थी. आखिरकार केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय अंतर्गत के नर्सिंग विभाग ने एक परिपत्र जारी कर इंडिया नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष को बताया है कि अब यह पाठ्यक्रम बंद नहीं किया जाएगा. जीएनएम और बीएसएसी स्वतंत्र कोर्स रहेंगे. डॉ. प्रमोद सालवे ने कहां है कि अब ग्रामीण और आदिवासी बहुल क्षेत्रों की लड़कियां पहले की तरह जीएनएम पाठ्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य परिचारिका प्रशिक्षण ले सकेंगी.
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