देश के बैंकों ने बुधवार को लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान टाली गई किस्तों पर वसूले गए ब्याज की रकम को कर्जदारों के खातों में डालना शुरू कर दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपने कर्जदारों के खातों में ब्याज पर ब्याज की रकम को फिलहाल ट्रांसफर कर दिया है. इसके लिए ग्राहकों के पास एसएमएस भी आने लगे हैं. आत्मनिर्भर खबर डॉट कॉम से बात करते हुए एक एसबीआई ग्राहक ने बताया कि उसकी होम लोन की किश्त हर माह 11 हजार रुपये कटती थी. कैशबैक के रूप में बुधवार की रात को ही उनके खाते में 350 रुपये जमा कर दिए गए है.
दरअसल, आरबीआई ने लॉकडाउन के पहले तीन महीने और फिर तीन महीने के लिए देश के लाखों कर्जदारों को लोन मोरेटोरियम स्कीम सुविधा दी थी. इसके तहत मार्च से अगस्त 2020 तक के कुल छह महीनों के लिए किस्त का भुगतान टाल दिया गया था, लेकिन आरबीआई की ओर से यह गया था कि बकाये किस्त पर बैंक ब्याज ले सकते हैं. देश में इसका जमकर विरोध हुआ.
लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान बैंकों द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में अभी चल ही रहा है और इस पर अब 5 नवंबर के बाद सुनवाई होगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि वह 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज खुद वापस करेगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसे जल्द से जल्द करना चाहिए.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि वह छह महीने के मोरेटोरियम पीरियड के दौरान का लगाये गये चक्रवृ़द्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की जो राशि होगी, उसे सभी पात्र कजदारों के खातों में जमा करेगी. इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि बहुत सावधानी से विचार के बाद पूरी वित्तीय स्थिति, कर्जदारों की स्थिति, अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव और ऐसे ही दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
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