नई दिल्ली ब्यूरो : भारत सहित दुनियाभर में प्रसिद्ध मसाला ब्रांड ‘एमडीएच’ के मालिक ‘महाशय’ धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार, 3 दिसंबर की सुबह निधन हो गया। उन्होंने 98 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। महाशय धर्मपाल गुलाटी को ‘एमडीएच अंकल’, ‘दादाजी’, ‘मसाला किंग’ और ‘मसालों के राजा’ के नाम से जाना जाता था। वह मसाला ब्रांड ‘एमडीएच’ (महाशिया दी हट्टी) के मालिक और सीईओ थे।
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
‘महाशय’ के नाम से मशहूर गुलाटी का जन्म 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। उनका पालन-पोषण पाकिस्तान में ही हुआ था। सियालकोट में उनके पिता ने साल 1919 में ‘महाशिया दी हट्टी’ नाम से एक मसाले की दुकान खोली। उनके पिता यहां पर मसाले बेचा करते थे।
पिता के पैसे से खरीदा तांगा
हालांकि, 1947 में विभाजन के बाद, परिवार भारत आ गया। शुरू में गुलाटी परिवार अमृतसर में शरणार्थी के रूप में रहा। लेकिन बाद में धर्मपाल गुलाटी दिल्ली शिफ्ट हो गए। जब गुलाटी अपने बहनोई के साथ दिल्ली पहुंचे, तब उन्होंने अपने पिता द्वारा दिए गए पैसे से तांगा खरीदा।
शुरू की छोटी सी मसाले की दुकान
वहीं, जब गुलाटी को लगने लगा कि उनका व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा है, तो उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोलने का फैसला किया और करोल बाग (मध्य दिल्ली में स्थित एक लोकप्रिय बाजार) में मसाले बेचने के अपने परिवार के व्यवसाय को फिर से शुरू किया। धीरे-धीरे व्यापार चल पड़ा और उनको लाभ होना भी शुरू हो गया।
1959 में एमडीएच कंपनी की रखी नींव
इसके बाद 1953 में, गुलाटी ने चांदनी चौक में एक दुकान किराए पर ली, जिसका नाम ‘महाशिया दी हट्टी’ (एमडीएच) रखा, और उन्होंने यहां भी मसालें बेचना शुरू किया। वहीं, गुलाटी ने आगे चलकर एमडीएच कंपनी की आधिकारिक शुरुआत की। धर्मपाल गुलाटी ने 1959 में एमडीएच कंपनी की स्थापना की। इसके लिए उन्होंने कीर्ति नगर में जमीन खरीदी और एक विनिर्माण इकाई स्थापित की।
देशभर में 15 फैक्ट्रियां
व्यापार भारत में ही नहीं पनपा बल्कि गुलाटी मसालों के एक वितरक और निर्यातक भी बन गए। वर्तमान में एमडीएच मसाले लगभग 50 विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण करते हैं। कंपनी की देशभर में 15 फैक्ट्रियां हैं और वह दुनियाभर में अपने उत्पाद बेचती हैं।