नागपुर ब्यूरो : चायनीज मांजे के कारण एक कबूतर बुरी तरह घायल हो गया है. इसके कारण वह दाना भी नहीं खा पा रहा है.
वर्षा वारिया गांधीसागर, लोटस शोरू म के पास स्थित मैत्री बिल्डिंग की छठवीं मंजिल पर रहती हैं. उन्हें अपनी बालकनी से एक कबूतर घायल अवस्था में दिखाई दिया तो उन्होंने दोपहर 3 बजे सर्च एंड रेस्क्यू कॉर्प्स के डायरेक्टर लाइफ सेवियर भवन पटेल को कॉल किया. भवन पटेल ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर कबूतर को रेस्क्यू कर उसकी जान बचाई और इसे सेमिनरी हिल्स स्थित वन विभाग के वन्यजीव उपचार केंद्र में सौंप दिया. उपचार केंद्र में डॉ. मयूर काटे की देखरेख में घायल कबूतर की अन्ननलिका का उपचार जारी है. भवन के इस रेस्क्यू अभियान में डॉ. मयूर काटे, वर्षा वारिया, निकिता पटेल, चिराग पटेल ने सहयोग किया.
भवन ने बताया कि चायनीज मांजा पशु पक्षियों सहित आम लोगों के लिए बहुत ही घातक होता जा रहा है. इसी के कारण कबूतर की गर्दन कट गई. अब वह जो भी दाना खा रहा है, वह गर्दन से बाहर निकल रहा है. दाना सीधे पक्षी के के पेट में नहीं जा पा रहा है. उसकी एक आंख भी जख्मी हो गई है, जिससे उसे दिखाई भी नहीं दे रहा है. जल्द ही मकर संक्राति का त्यौहार आ रहा है.
लोगों से निवेदन हैं कि वे चायनीज मांजे को न खरीदें ताकि पशु पक्षियों सहित नागरिकों को कोई नुकसान न हो सके. यदि ऐसी कोई घटना पेश आ जाए तो सर्च एंड रेस्क्यू कॉर्प्स, नागपुर के डायरेक्टर भवन पटेल से इमरजेंसी नंबर 9405700100 पर तुरंत संपर्क करें ताकि पशु पक्षी का रेस्क्यू कर उसे जीवनदान दिया जा सके.