प्रधानमंत्री मोदी ने किया ट्वीट, वैज्ञानिकों को कहा शुक्रिया
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. पीएम मोदी ने देशवासियों को इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि यह कदम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बेहद ही अहम साबित होगा. पीएम मोदी ने वैक्सीन बनाने में जुटे सभी वैज्ञानिकों को इस समय धन्यवाद भी कहा है.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. पीएम मोदी ने लगातार तीन ट्वीट कर देश के कोविड मुक्त होने की उम्मीद भी जताई है.
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ”डीसीजीआई का कदम भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बेहद अहम साबित होगा. ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ के जरिए देश को कोरोना मुक्त बनाने में मदद मिलेगी. वैक्सीन बनाने में जुटे सभी वैज्ञानिकों को धन्यवाद.”
पीएम मोदी ने डीसीजीआई के एलान को आत्मनिर्भर भारत के साथ भी जोड़ा है. पीएम मोदी ने आगे कहा, ”देश के नागरिकों के लिए गर्व की बात है कि जिन दोनों वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है उनका निर्माण भारत में ही हुआ है. यह दिखाता है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की मुहिम में देश के वैज्ञानिक कितनी मेहनत कर रहे हैं.”
स्वदेशी वैक्सीन है कोवैक्सीन
कोवैक्सीन भारत की स्वदेशी वैक्सीन है जिसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है. भारत बायोटेक और एनआईवी पुणे ने मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है. कोवैक्सीन देश में पहली स्वदेशी वैक्सीन है जिसे डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है. वहीं ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका की वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है. ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन का नाम ‘कोविशील्ड’ है.
देश में 5 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल
भारत में इस समय पांच वैक्सीनों का क्लीनिकल ट्रायल अलग-अलग चरणों में चल रहा है. इसमें ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनीका की वैक्सीन जिसका ट्रायल सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है और भारत बायोटेक इन दोनों की वैक्सीन के ट्रायल तीसरे चरण में है. सीरम इंस्टिट्यूट का ट्रायल तीसरे चरण के आखरी दौर में है. वहीं रूस की वैक्सीन स्पूतनिक दूसरा और तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो चुका है. इसके अलावा Zydus कैडिला की वैक्सीन का तीसरे चरण के ट्रायल जल्द शुरू हो जाएंगे. एक और वैक्सीन है जिसका पहले चरण का ट्रायल शुरू होने जा रहा है. जेनोवा नाम की कंपनी भी अपने ट्रायल शुरू कर रही है.