पशु संवर्धन विभाग ने मृत पक्षीयो के नमुने जांच के लिये भोपाल भेजे
नागपुर ब्यूरो : यहां के रिगणाबोडी, मसाला, मिनिवाडा, चाकडोह परिसर में बड़ी संख्या में पक्षी मरे पड़े मिले. इनमे कौए, जंगली कबुतर, चिडीया आदी शामिल है.
इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत होने से बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए प्रशासन दहल गया है. पशुसंवर्धन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों की उपस्थीती में इन मृत पक्षियों के नमुनों को जांच के लिये राष्ट्रीय प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया तथा मृत पक्षीयो को सुरक्षित तरीके से जलाया गया.
कोंढाली से 7 कि.मी दूर रिगणाबोडी गांव के पुलिस पटेल संजय नागपुरे को गांव के किसानो ने गत आठ दिन से खेत तथा जंगल मे बडी संख्या में पक्षी मरने की जानकारी दी. पुलिस पटेल संजय नागपुरे गांव के कोतवाल सचदेव बांगडे के साथ रिगणाबोडी, आकेवाडा, चाकडोह आदी परिसर में जाकर निरिक्षण किया. पेडो के नीचे बडी संख्या मे मृत पक्षी पडे थे. कुछ मृत पक्षी पेड पर लटक रहे थे. संजय नागपुरे ने यह जानकारी कोंढाली के थानेदार विश्वास फुल्लरवार को दी. थानेदार ने घटना की सुचना काटोल के तहसीलदार अजय चरडे तथा नायब तहसीलदार निलेश कदम को दी.
बर्ड फ्लू की आशंका से प्रशासन दहल गया. काटोल के पशुधन अधिकारी तथा कोंढाली के प्रभारी पशुधन विकास अधिकारी डॉ. तुषार पुंड तथा सुधिर कापसीकर तत्काल रिगणाबोडी पहुंचे तथा निरिक्षण किया। नागपुर जिला पशुसंवर्धन प्रयोगशाला तथा वरिष्ठ पशुसंवर्धन अधिकारीयों को इसकी जानकारी दी. नागपुर की पशुसंवर्धन आयुक्त मंजुषा डॉ. पुंडलिक, प्रभारी नागपुर जिला पशुसंवर्धन अधिकारी डॉ.युवराज केने, नागपुर जिला सर्व पशु चिकित्सालय के प्रमुख डॉ. उन्मेष हिरूडकर, निरंजन शेटे आदी पशुसंवर्धन अधिकारी रिगणाबोडी पहुंचे. कोंढाली के वनपरिक्षेत्र अधिकारी फरीद आझमी को भी जंगल मे पक्षीयों को मरने की सुचना दी गई.
उन्होने सभी वन अधिकारी तथा कर्मचारीयों को हाथ न लगाते मृत पक्षीयो के पंचनामे करने के आदेश दिये. जानकारी है कि केवल रिगणाबोडी परिसर में ही 150 से 200 पक्षीयो की मृत्यु हुई है. वरिष्ठ पशुसंवर्धन अधिकारीयो की उपस्थिति में मृत पक्षीयो के नमुने सुरक्षित तरीके से जमा कर सभी मृत पक्षीयों को जलाया गया.