नई दिल्ली ब्यूरो : देश में जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों दो कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी के हालात में इस्तेमाल की इजाजत दी थी. कोविशील्ड को भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है. इस बीच फिलीपींस की सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ बड़ा करार किया है. इस करार के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट फिलीपींस को 30 मिलियन यानी 3 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई करेगी.
फिलीपींस में क्या है कोरोना की स्थिति?
फिलीपींस में नौ करोड़ छह लाख 90 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 19 लाख 43 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, अब दो करोड़ 39 लाख 36 हजार लोगों का इलाज चल रहा है. देश में अबतक 6 करोड़ 48 लाख 12 हजार लोग ठीक हो चुके हैं.
मानवता की मदद करने भारत तैयार
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पुरजोर तरीके से लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमताएं पूरी मानवता की मदद करने के लिए तैयार है. दुनिया में बनने वाली 60 फीसदी वैक्सीन का उत्पादन भारत में होता है. बीमारियों के खिलाफ इस्तेमाल हो रहे तीन में से एक टीके पर मेड इन इंडिया की मुहर लगी है. संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी वैश्विक संस्था अपनी ज़रूरत का 60-80 प्रतिशत वैक्सीन भारत से खरीदती है. भारत के उत्पादों को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्री-अप्रूव्ड का तमगा दे रखा है.
अन्य देशों को वैक्सीन मुहैया कराएगा भारत
भारत न केवल अपनी आबादी को टीका मुहैया कराने की शुरुआत करने जा रहा है बल्कि दुनिया के कई मुल्कों को भी वैक्सीन मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है. वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, सीरम इंस्टूट्यूट और भारत बायोटेक की तरफ से बीते दिनों जारी संयुक्त बयान में कह चुकी हैं कि वैक्सीन वैश्विक स्वास्थ्य बेहतरी का प्रयास है. ऐसे में कंपनियां इसे उपलब्ध कराना देश और दुनिया के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझती हैं.