Home Crime Nagpur | 48 जायरीनों को हज ले जाने के नाम 1.73 करोड़...

Nagpur | 48 जायरीनों को हज ले जाने के नाम 1.73 करोड़ की ठगी

1040

नागपुर ब्यूरो : उपराजधानी के मोमिनपुरा क्षेत्र के 48 जायरीनों (श्रद्धालुओं) को हज-उमराह ले जाने का सपना दिखाकर करीब पौने दो करोड़ रुपए ठगने का मामला प्रकाश में आया है। यह कारनामा मालेगांव के टूर ऑपरेटर का है। मोमिनपुरा के टूर ऑपरेटर के माध्यम से जायरीनों ने रकम दी थी। जब तय समय पर वीजा और टिकट का इंतजाम नहीं हुआ, तो यहां के टूर ऑपरेटर को जायरीन परेशान करने लगे। मालेगांव संपर्क साधा गया, तो वहां के टूर ऑपरेटर ने मोबाइल बंद कर लिया। बाद में पता चला कि वह जायरीनों की रकम लेकर फरार हो गया है। तहसील थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। कई बार दबिश के बाद गुरुवार को पुलिस को सफलता मिली। मालेगांव से उसे गिरफ्तार कर पुलिस नागपुर ले आई है।

पीड़ित करने लगे थे परेशान

टिकट और वीजा नहीं आने पर जायरीन तौसिफ को परेशान करने लगे। तौसिफ ने सज्जाद से फोन पर बात करने की कोशिश की, पर मोबाइल बंद मिला। तौसिफ मालेगांव पहुंच गया। वहां से सज्जाद गायब था। वहां के लोगों से पता चला कि सज्जाद जायरीनों के रुपए लेकर भाग गया है। तौसिफ ने अपने स्तर पर उसकी खोजबीन की, मगर कोई जानकारी नहीं मिली। वापस आकर उसने नागपुर के तहसील थाने में शिकायत की।

महीनों चली जांच

मामले की महीनों तक जांच चली। कई बार पुलिस ने सज्जाद की गिरफ्तार के लिए मालेगांव पुलिस की मदद से दबिश दी। पर पुलिस के हाथ वह नहीं लगा। इस बीच, तहसील थाने के निरीक्षक जयेश भांडारकर को गुप्त सूचना िमली कि सज्जाद मालेगांव आया हुआ है। निरीक्षक बलीराम परदेसी, उपनिरीक्षक स्वप्निल वाघ के नेतृत्व में संजय दुबे, सचिन टापरे, अनिल चतुर्वेदी, रंजीत बावणे, रूपेश सहारे और पुरुषोत्तम जगनाडे को मालेगांव भेजा गया। छापामार कार्रवाई कर सज्जाद को गिरफ्तार कर गुरुवार को नागपुर लाया गया है।

यह है मामला

मालेगांव निवासी टूर ऑपरेटर सज्जाद खान इस्माइल खान (45) के माध्यम से नागपुर के मोमिनपुरा व आसपास के क्षेत्र के जायरीन कई बार हज-उमराह जा चुके हैं। मोमिनपुरा स्थित कसाबपुरा निवासी टूर ऑपरेटर तौसिफ मजहर (30) ने हज-उमराह जाने वाले 48 यात्रियों की बुकिंग सज्जाद के माध्यम से कराई। तौसिफ ने 14 जुलाई 2017 से 5 जून 2019 के बीच एनएफटी और आरटीजीएस कर 1 करोड़ 73 लाख 2400 रुपए सज्जाद के खाते में जमा िकए। यात्रा से एक माह पहले वीजा और टिकट देने की बात हुई। इसके बाद सज्जाद ने न वीजा भेजा, न टिकट।